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बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड के लिए चुनी गई दिव्या , बोली ……..

मुंबई (ईएमएस)। बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड के लिए 65 वें नेशनल फिल्म पुरस्कारों में अभिनेत्री दिव्या दत्ता का चयन हुआ है। दिव्या से जब पूछा गया कि आप एक ब्रांड है, किसी फिल्म से आपका जुड़ना उसमें वजन एड कर देता है। इस पर दिव्या ने कहा कि मैंने टिपिकल रोल से शुरुआत की थी लेकिन आज जब मुड़कर देखती हूं तो वो जर्नी मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। प्राउड फील करती हूं।

वहीं आज के दौर में फिल्मों की कहानी में बदलाव को ले​कर दिव्या ने कहा कि आज कहानियां ही हीरो हैं। आज एक्टर्स को एक ही तरह से नहीं देखा जाता आज हर कोई, हर कुछ कर सकता है तो ये बदलाव अच्छा है। बॉलीवुड में महिला प्रधान फिल्मों को लेकर दिव्या ने कहा, बॉलीवुड में महिलाओं के दिन पहले भी अच्छे 50 या 60 के दशक में नरगिस मीना कुमारी, नूतन जी ने ​महिला प्रधान फिल्में कीं। मुझे लगता है कि एक दौर आता है जब महिला प्रधान फिल्में आती हैं। कुछ कहानियां आती हैं, जो लोगों को अच्छी लगती हैं लोग उसे फीमेल ओरिएंटेड कहते हैं लेकिन मेरा मानना है कि मेल या फीमेल नहीं होना चाहिए। फिल्म अच्छी होती है मेल या फीमेल मैं नहीं मानती। इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए पहले भी दौर अच्छा था, आज भी है, उम्मीद है कि आगे भी रहेगा।’ दिव्या का कहना है कि अगर वो एक्टर नहीं होतीं तो साइकेट्रिस्ट होती लेकिन तब खुश नहीं होती। मैं एक्टर बनकर ही खुश हूं।

वहीं कास्टिंग काउच को लेकर दिव्या को ने कहा कि अगर आप ऐसे किसी ​क्षेत्र में जाते हैं तो इस तरह की बातों का सामना करना पड़ता है। आप जब ऐसे प्रोफेशन में जाते हैं तो अच्छे लोग भी होते हैं, बुरे लोग भी होते हैं। तो ऐसे में ना कहना बहुत जरूरी है और जो लड़की आवाज उठा रही है, उसका साथ देना भी जरूरी है। मैंने भी इसका सामना किया, लेकिन लकी रही हूं कि मुझे डायरेक्ट किसी ने एप्रोच नहीं किया। मैं मानती हूं कि ऐसे मामलों में आवाज उठाना बहुत जरूरी है। मालूम हो कि दिव्या अब तक करीब 100 फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं और अपने कुछ दमदार रोल्स के लिए खासी चर्चित रही हैं। हाल ही में दिव्या दत्ता ने फिल्म इंडस्ट्री से लेकर महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों पर बात की।

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