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मंदिर कर रहे हैं चढ़ने वाले फूलों-नारियलों का अनोखा उपयोग, बना रहे हैं खाद

मुंबई (ईएमएस)। किसी भी धार्मिक स्थल पर जाएं तो बड़ी मात्रा में पौधे और फूल लगे जरूर दिखते हैं और इतने ही फूल वहां रोज चढ़ाए जाते हैं। कभी आपने सोचा है कि मंदिर में तस्वीरों और मूर्तियों पर चढ़ाए जाने वाले फूलों का कोई और उपयोग भी हो सकता है? इन फल-फूलों को एक नए तरीके से इस्तेमाल करने का तरीका मुंबई के मंदिरों ने खोज निकाला है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा में चढ़ाए गए फूलों को कचरे में फेंकना नहीं चाहिए। ज्यादातर लोग ऐसे फूलों और चढ़ाए गए अन्य फल-बेलपत्रों को नदी के पानी में प्रवाहित कर देते हैं। मुंबई के विले-पार्ले स्थित दो मंदिर ट्रस्ट इस बारे में नई पहल के साथ सामने आए हैं। वे देवताओं को चढ़ाए गए फूलों, नारियल, मिठाई, घी और दही जैसी चीजों की मदद से खाद बना रहे हैं। इस खाद का मंदिरों और क्षेत्र में लगे करीब 150 पेड़ों पर इस्तेमाल किया जाता है।

मंदिर के एक ट्रस्टी अनिकेत करंदिकर ने बताया कि यहां के परलेश्वर और महालक्ष्मी मंदिर में करीब ढाई साल पहले इसकी शुरुआत की गई। कंपोस्ट बनाने के लिए मंदिरों में तीन बक्से रखे गए हैं। मंदिर के कर्मचारी रोजाना इन चीजों को मिलाते हैं और उस पर पानी छिड़कते हैं। किचन कंपोस्ट को इसका पीएच मान बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है और हर महीने करीब 6 से 7 बैग खाद का उत्पादन किया जा रहा है। लोगों की आस्था का केंद्र ये मंदिर इस तरह एक कचरा मुक्त शहर के निर्माण में भी भूमिका निभा रहे हैं।

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