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मधुमेह मरीजों के लिए वरदान बना इजरायली सिस्टम

नई दिल्ली (ईएमएस)। मधुमेह के रोगियों के लिए ब्लड शुगर और इन्सुलिन की मात्रा का रिकॉर्ड रखना काफी मुश्किल काम है। भारत में अब उस इजरायली सिस्टम को तेजी से अपनाया जा रहा है, जिसके जरिए मरीज से जुड़े सभी आंकड़े सीधे एक सर्वर तक पहुंचते हैं। इन आंकड़ों का सॉफ्टवेयर के जरिए विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद मरीज के मोबाइल फोन पर इलाज का अलर्ट उपलब्ध हो रहा है। इसकी सहायता से डाक्टर पहले से दस गुना ज्यादा मरीजों को देखने में समर्थ हो रहे हैं। भारत में मधुमेह रोगियों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। भारत में पहली बार मधुमेह क्लिनिक की एक बड़ी चेन ने इजरायली सिस्टम हासिल किया है। इसके तहत रोगियों को एक किट दी जा रही है, जो ब्लड ग्लूकोज और इन्सुलिन की मात्रा को ऑटोमैटिक तरीके से रेकॉर्ड करता रहता है। इससे चिकित्सकों को रीयल टाइम डेटा मिलते रहते हैं। इजरायली तकनीक की खूबी यह है कि वह डेटा का विश्लेषण कर मेडिकल प्रफेशनल्स को संभावित इलाज सुझाती है।

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इसके बाद मेडिकल प्रफेशनल उन सिफारिशों और अपने अनुभव के आधार पर फैसला लेते हैं। मरीज को मोबाइल ऐप के जरिये समय-समय पर इलाज का अलर्ट मिल जाता है। इस तकनीक को यूरोप में मान्यता मिल चुकी है, जबकि अमेरिका में इस साल मान्यता मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि दुनियाभर में मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन मेडिकल प्रोफेशनल्स की संख्या इतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है। इजरायली तकनीक का फायदा यह है कि सामान्य तौर पर मेडिकल फ्रोफेशनल जितने मरीज देख पाते हैं, इस तकनीक की मदद से वे उससे 10 गुना ज्यादा मरीज देख पा रहे हैं। यहां तक कि उन रोगियों को भी देखा जा सकता है, जो क्लिनिक तक नहीं पहुंच पाते हैं।

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