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मोदी ने गुजरात में अपना राजनैतिक किला रखा बरकरार, कांग्रेस से छीना हिमाचल

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ताविरोधी अभियान, नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कुछ वर्गों में उपजे असंतोष का सामना करते हुए गुजरात में छठी बार विजय का परचम फहराया।वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर विजय का दोहरा जश्न मनाया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृह राज्य में कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के साथ भाजपा को कड़ी टक्कर दी। इसके चलते सत्तारूढ़ पार्टी दोबारा बहुमत हासिल करने के बावजूद 182 सदस्यीय विधानसभा में 100 के आंकड़े के आसपास सिमट गई। कांग्रेस ने राज्य में एक मजबूत जातीय गठबंधन का निर्माण किया तथा विभिन्न जातिय समूहों के युवा नेताओं हार्दिक पटेल (पाटीदार), अल्पेश ठाकोर (पिछड़ा वर्ग) और जिग्नेश मेवाड़ी (दलित) की मदद से भाजपा को कड़ी टक्कर दी। ताजपोशी के पहले नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए तेवर और छवि के साथ चुनाव प्रचार की कमान संभाली और पार्टी को वर्ष 2012 की तुलना में बेहतर स्थिति में पहुचांया।

व्यापार और वाणिज्य के लिए प्रसिद्ध गुजरात में नोटबंदी और जीएसटी के विपरीत असर से उबरते हुए भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और गुजराती अस्मिता के उनके पुरजोर संदेश की बदौलत विरोध के तूफान को थाम लिया। 22 वर्ष के निरंतर शासन को अगले पांच साल के लिए और जारी रखने का जनादेश हासिल किया। शांत, सौम्य स्वभाव के धनी विजय रूपाणी ने प्रारंभिक रूझानों में पिछड़ने के बावजूद राजकोट पश्चिमी से भारी मतों से जीत हासिल की।

दूसरी तरफ हर पांच साल पर सत्ता में तब्दीली के लिए प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश में फिर इतिहास दोहराया गया। जनता ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी वीरभद्र सिंह की सरकार को नकार कर बागडोर भाजपा को सौंप दी। इस पर्वतीय राज्य में भाजपा का दो तिहाई बहुमत हासिल करने का जश्न मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की हार से कुछ फीका पड़ गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जीत के बाद चुनाव नतीजों पर टिप्पणी की। ‘जीता विकास, जीता गुजरात। जय जय गरवी गुजरात!’ वहीं हिमाचल में मिली शानदार सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि ‘हिमाचल प्रदेश में लहराया कमल, विकास की हुई भव्य जीत।’ 

अपने गृह राज्य में हार या जीत मोदी के लिए खास महत्व की थी और इसी के मद्देनजर उन्होंने सघन चुनाव प्रचार में भाग लिया था। उन्होंने राज्य के हर कोने में जाकर कुल 34 सभाएं कीं । कांग्रेस और उनके सहयोगियों की चुनौती कितनी गंभीर थी, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मोदी की पैतृक गांव वडनगर के समीप वडगाम विधानसभा क्षेत्र से युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने जीत हासिल की। 

नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव परिणामों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस इस जनादेश का स्वागत करती है और इन दोनों राज्यों की सरकारों को बधाई देती है। उन्होंने गुजरात व हिमाचल प्रदेश की जनता को उनके प्रति प्रेम व्यक्त करने के लिए आभार व्यक्त किया। चुनाव प्रचार के दौरान आई तल्खी और आरोप-प्रत्यारोप के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शालीनता और साहस का प्रदर्शन किया तथा गुस्से का मुकाबला गरिमापूर्ण आचरण से किया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं पर उन्हें गर्व है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह विजय के माहौल और कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत के बीच पार्टी मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने गुजरात और हिमाचल की जीत को प्रधानमंत्री मोदी की विकास की राजनीति की जीत बताया । उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने राज्य में जातिवाद का जहर घोलने की कोशिश की तथा प्रचार को इतने घटिया स्तर तक पहुंचा दिया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती । पार्टी के मिशन 150 को हासिल नहीं किए जा सकने के बारे में उन्होंने कहा कि हम यह अनुमान नही लगा सके कि कांग्रेस कितने निचले स्तर पर उतर कर चुनाव प्रचार करेगी। कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान को आउटसोर्स किया था तथा बाहर के लोगों की मदद ली थी। इन सबके बावजूद गुजरात की जनता ने सत्ता विरोधी रूझान को दरकिनार कर भाजपा को फिर सत्ता सौंप दीं। 

उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को कम सीटें मिली हैं लेकिन पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा है और वह कांग्रेस से 8 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं को धूल चाटनी पड़ी।
इन दो राज्यों में भाजपा की जीत के बाद देश के राजनैतिक नक्शे का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार आने के बाद भाजपा 14 राज्यों में भाजपा की सरकार है और 5 राज्यों में राजग सत्ता में काबिज है।

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