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मोर्चे पर हारे लेकिन जंग जीते : कांग्रेस

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (हि.स.)। कांग्रेस ने गुजरात-हिमाचल प्रदेश में चुनाव हारने को मोर्चा पर हार लेकिन जंग में खुद की जीत बताया है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा, ‘गुजरात में शिकस्त अहंकार की हुई है, जनता ने अहंकार, धनबल, सत्ताबल को आइना दिखा दिया है। हम दोनों राज्यों में जनता के फ़ैसले को सर झुका कर स्वीकार करते हैं।’ 

कांग्रेस महासचिव और गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ने पार्टी मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘राहुल गांधी ने गुजरात में बहुत अच्छा प्रचार किया। राहुल की हर रैली अच्छी रही। हमने मुद्दों की राजनीति की। पर उन्होंने (भाजपा) को गुजरात की अस्मिता की राजनीति और सी प्लेन तक को चुनाव में लाना पड़ा। जब ध्रुवीकरण की कोशिश फ़ेल हो गई तो भाजपा और मोदी जी ने भावनात्मक बातों से गुजरात की जनता को गुमराह करना शुरू कर दिया।’

गहलोत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने निजी हमले किए। लेकिन हमने संयम के साथ चुनाव प्रचार किया। चुनाव परिणाम कुछ भी हों, नैतिकता के आधार पर काँग्रेस की जीत हुई है। वही मोदी जी को उनके नेताओं ने झुका दिया है।वहीं हिमाचल प्रदेश प्रभारी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘हिमाचल में इतनी तगड़ी चुनौती दी है कि वहाँ भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पीछे रह गए।’ 

कांग्रेस प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ’81 सीट कांग्रेस और उनके सहयोगी जीते हैं। मोरबी में भूपेंद्र खाट चुनाव जीते हैं । साथ में 3 सहयोगी और जीते हैं। गुजरात के साढ़े 6 करोड जनता का धन्यवाद जिन्होंने कांग्रेस का साथ दिया।’

सुरजेवाला ने कहा, ‘चुनाव आयोग की साइट पर कांग्रेस और उसके सहयोगी 84 सीटों पर अभी तक जीत चुके हैं, एक बात तय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने भाजपा को 99 के फेर में उलझा दिया है। गुजरात के मुद्दे और उनका हल अभी भी बाक़ी है, उन सबके लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लड़ती रहेगी।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘हम राहुल गांधी जी के नेतृत्व में गुजरात के मुद्दों को वापस लाएंगे। हम भटकाव को खत्म कर मुद्दों की राजनीति करेंगे। हम 22 सीट बहुत ही कम अन्तर से हारे हैं। ये भाजपा को याद रखना चाहिए। कांग्रेस का मत प्रतिशत बढ़कर 2017 में 33 के मुकाबले 41 प्रतिशत पर आ गया है।’ 

सुरजेवाला ने हिमाचल प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल का जिक्र करते हुए कहा, ‘भाजपा ये न भूले कि हिमाचल प्रदेश में उनके मुख्यमंत्री पद के चेहरे धूमलजी चुनाव हार गए हैं। भाजपा ये भी न भूले कि मोदी जी अपने गृह क्षेत्र में चुनाव हार गए हैं। भाजपा के कई बड़े नेता चुनाव हार गए। 

सुरजेवाला ने कहा, ‘1995 के बाद पहली बार गुजरात मे भाजपा 2 के आंकड़े में सिमट गई है। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों सरकारों को अच्छा काम करने की बधाई दी है।’

सुरजेवाला ने चुनाव आयोग पर तंज करते हुए कहा, देश के इतिहास में ये पहला अवसर था जब मत गणना की तारीख़ पहले और मतदान की तारीख़ बाद में घोषित की गई। हम मोर्चा हारे हैं लेकिन जंग जीत गए हैं। भाजपा की सहूलियत से तारीख तय की गई। राहुल गांधी का साक्षात्कार तक नहीं दिखाने दिया। आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया। लेकिन, मोदी जी का रोड़ शो जारी रहा। हालांकि चुनावों के बाद नोटिस वापस भी लिया गया।’

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी के विकास और 56 इंच सीने के नारे पर तंज कर कहा, ‘छाती बड़ी तो क्या, अब दिल भी बड़ा कीजिए, लड़खड़ाते विकास को अब तो खड़ा कीजिए।’

उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 150 से अधिक सीटों के गुजरात में जितने के संकल्प पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘कई जंग है और कई मोर्चे हैं, गुजरात की जनता के दिल जीतने की लड़ाई हमने जीती है। परन्तु, 150 से कम सीटों पर जश्न न मनाने वाली पार्टी भाजपा आज जश्न मना रही है।’

सुरजेवाला ने कहा, ‘इस देश मे प्रजातंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। लेकिन, आज उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे है। 16 हज़ार करोड़ का वीवीपीएटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले ही खर्च कर दिए गए हैं। जहां कम मार्जिन से कोई हार रहा है। वहां पेपर ट्रेल से जांच की जा सकती है।’
सुरजेवाला ने अल्पेश, जिग्नेश और हार्दिक के सवाल पर कहा, ‘समाज के वो सारे हिस्सों और समूह जिनको भाजपा ने प्रताड़ित किया, उन्होंने कांग्रेस का साथ दिया।’

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