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योगी ने शामली में गैस रिसाव की जांच के दिये आदेश

लखनऊ/शामली, 10 अक्टूबर (हि.स.) : शामली में शुगर मिल के वेस्टेज को नष्ट करने के लिए डाले गए केमिकल से निकली गैस की चपेट में आकर 500 से अधिक स्कूल के बच्चों के बेहोश होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। उन्होंने घटना के सम्बन्ध में सहारनपुर आयुक्त और जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्थानीय अधिकारियों को प्रभावित बच्चों को हर संभव सहायता प्रदान करने को कहा है। 

शामली में बुढ़ाना रोड पर सर शादी लाल ग्रुप की अपर दोआब शुगर मिल का बॉयलर है। यहां डिस्टलरी व शुगर मिल से निकली वेस्टेज को सड़क किनारे डाला जाता है। इसके साथ ही करीब में डिस्टरी का गन्दा पानी एकत्र कर उसे रिसाइकिलिंग किया जाता है। इस सड़क पर स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर व सरस्वती जूनियर हाई स्कूल के बच्चे मंगलवार सुबह रोज की तरह पढ़ने जा रहे थे। इस दौरान शुगर मिल के कर्मचारी वेस्टेज को नष्ट करने के उस पर केमिकल डाल रहे थे।

स्थानीय लोगों के मुताबिक केमिकल से निकली गैस के सम्पर्क में आने के कारण बच्चों को घुटन महसूस होने लगी। कुछ बच्चे रास्ते और कुछ स्कूल पहुंचने पर इसकी वजह से बेहोश हो गये। जब तक बच्चों का इससे बचाव हो पाता तब तक दोनों स्कूलों में भी लगभग 500 बच्चे गैस के सम्पर्क में आ गये। इससे उनकी आंखों में जलन से लेकर अन्य समस्याएं होने लगी। कई बच्चों के बेहोश होने की वजह से हड़कम्प मच गया। 

आनन-फानन में घटना को लेकर जिला प्रशासन और अभिभावकों को सूचना को दी गई और बच्चों को जिला चिकित्सालय तथा सीएचसी पहुंचाया गया। एक के बाद एक कई बच्चों के पहुंचने के कारण अन्य चिकित्सकों को भी इलाज के लिए बुलाया गया। कई बच्चों को निजी अस्पताल भी ले जाया गया। आठ बच्चों की गम्भीर स्थिति को देखकर उन्हे मेरठ रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। मासूमों की स्थिति को देखकर अभिभावक बेहद आक्रोषित हो गये। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से घटना को लेकर बेहद नाराजगी भी जतायी और मिल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भी कई बार दूषित पानी और केमिलक को लेकर शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसकी वजह से आज इतनी बड़ी घटना हुई। वहीं अधिकारियों ने अभिभावकों को समझा-बुझाकर शान्त किया और उन्हें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। घटना के बाद प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और जांच की। 

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