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राजेश साहनी की मौत के बाद यूपी एटीएस में बगावत

आईजी पर आरोप लगाकर इंस्पेक्टर का इस्तीफा

लखनऊ (ईएमएस)। पिछले दिनों यूपी एटीएस के अधिकारी राजेश साहनी के निधन के बाद विभाग में बगावत शुरू हो गई है। आईजी एटीएस असीम अरुण और उनके सिपहसालारों से व्यथित होकर एक इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने डीजीपी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। यतीन्द्र शर्मा ने आरोप लगाया है कि एएसपी राजेशी साहनी भी आईजी असीम अरुण की प्रताड़ना से परेशान थे। इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने इस्तीफे में बताया कि आईजी असीम अरुण के तानाशाही रुख से परेशान होकर अपना इस्तीफा दे रहे हैं। नौकरी छोड़ने के बाद यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए असीम अरुण और उनके निकटस्थ अधिकारी जिम्मेदार होंगे। एटीएस इंस्पेक्टर के इस इस्तीफे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। उधर,राजेश साहनी के निधन के बाद हुई पीपीएस एसोसिएशन मीटिंग में कई फैसले लिए गए हैं। मीटिंग में राजेश साहनी को गोली लगने के बाद तुरंत अस्पताल नहीं ले जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। इसके साथ ही छुट्टी से ऑफिस बुलाए गए साहनी को ड्यूटी पर माने जाने की बात कही गई है।

पीपीएस एसोसिएशन ने सीबीआई जांच की मांग की थी। इसपर आलाधिकारियों के साथ बैठक में विचार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच का फैसला लिया है। इससे संबंधित गुरुवार को एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाएगा। साहनी के मोबाइल से छेड़छाड़ की आशंका के बीच जांच की बात कही जा रही है। राजेश साहनी के परिजनों से एसोसिएशन ने बात करके उनके एफआईआर दर्ज कराने का सुझाव दिया है।

गुरुवार को परिजन लखनऊ में केस दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही सभी पीपीएस अधिकारी पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देगा। इसमें सीओ 3000 रुपये और एएसपी 5000 रुपये परिजनों को सहायता राशि के रूप में 5 जून तक देगा। बताते चलें कि राजेश साहनी की मौत के चौबीस घंटे के भीतर ही मौत पर गंभीर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। लोगों के मन में उठ रहे सवालों की झलक साहनी के अंतिम संस्कार में आए लोगों के चेहरे पर साफ नजर आया। सबके जहन मे एक ही सवाल कि बेहद शांत और सुलझे दिल वाले राजेश साहनी आखिर आत्महत्या क्यों की?

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