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राष्ट्रपति ने ओडीओपी समिट का किया उद्घाटन, कहा: देश के सर्वाधिक एमएसएमई उप्र में

लखनऊ, 10 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओडीओपी) समिट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश के सर्वाधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि उप्र के विकास के बगैर भारत का विकास असंभव है।

राजधानी के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित तीन दिवसीय ओडीओपी समिट को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि देश के कुल हस्तशिल्प में उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान है। यह प्रतिभावों वाला प्रदेश है। देश में अब तक 45 विभूतियों को भारत रत्न दिया जा चुका है, उनमें से 11 लोगों की जन्मस्थली और कर्मस्थली उत्तर प्रदेश ही रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री भी दिया। कहा कि जो भी यहां से चुनाव लड़ता है, वह प्रधानमंत्री हो जाता है। 

राष्ट्रपति ने उम्मीद जतायी कि ओडीओपी समिट और इस योजना से प्रदेश के युवाओं को बहुत रोजगार मिलेगा। हालांकि उन्होंने इसकी आधुनिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग का सुझाव भी दिया। कहा कि उत्पादों की ब्रांडिंग करने से यहां के कारीगरों और उद्यमियों को प्रसिद्धि मिलेगी। साथ ही अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। इसके अलावा केंद्र सरकार के स्टैंड-अप और स्टार्ट-अप योजना को बल मिलेगा। 

उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ उप्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना ‘चेंज-एजेंट’ का काम कर सकती है। कहा कि इस योजना को विदेशी मुद्रा कमाने, रोजगार बढ़ाने और देश की छवि को निखारने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ओपीओडी योजना योजना से पांच वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिए 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। देश की अर्थव्यवस्था में लघु और मध्यम उद्योग रीढ़ साबित हो रहे हैं। यह योजना उस रीढ़ को और मजबूत करेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश के प्रमुख स्थानों पर उप्र के उत्पादों की प्रदर्शनी लगनी चाहिये। तीर्थराज प्रयाग में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कुम्भ पर पूरे विश्व की नजर रहेगी। इसलिए कुम्भ के अवसर पर भी प्रदेश के उत्पादों की प्रदर्शनी लगनी चाहिये। उत्तर प्रदेश के उत्पादों की देश और विदेशों में बहुत मांग है। इस योजना से देश के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचेगा। 

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया और उत्तर प्रदेश की संस्कृति और धरोहरों की भी चर्चा की। कहा कि अटल जी कहा करते थे कि उत्तर प्रदेश ही उत्तम प्रदेश है। यूपी प्रतिभा वाला राज्य है। इस प्रतिभा को तराशने की जरूरत है। 

कोविंद ने कहा कि ‘वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट समिट’ के आयोजन से मैं प्रतिभागियों में एक विशेष उत्साह का अनुभव कर रहा हूं। यह योजना प्रदेश की जनता के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। जिस तरह से प्रदेश का माहौल बदल रहा है निवेशक आ रहे हैं उससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को बधाई भी दी। 

इस अवसर पर राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि ओडीओपी से उप्र में कृषि के साथ ही ग्रामीण उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रदेश में पलायन रुकेगा और यहां के युवाओं को अब अपने घर में ही रोजगार मिलेगा। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि इस ओडीओपी योजना के तहत पांच वर्षों में प्रदेश के 25 लाख नौजवानों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि इस योजना के साथ शीघ्र ही वह एक नयी स्कीम ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ को जोड़ेंगे। 

योगी ने बताया कि ओडीओपी योजना के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि जिस समय राष्ट्रपति राजधानी में ओडीओपी योजना का उद्घाटन कर रहे हैं, उसी समय प्रदेश के सभी 75 जनपदों में लाभार्थियों को 1006 करोड़ रुपये के वित्तपोषण की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश की छवि को बदलना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के हर जिले की कोई न कोई विशेषता है। यह प्रदेश बड़ा ही समृद्ध प्रदेश रहा है। 

प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचैरी ने पूर्व में राष्ट्रपति समेत सभी का स्वागत किया। मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। 

पूर्व में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदेश के सभी 75 जिलों के उत्पादों की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बटन दबाकर व्यापारियों को 1006 करोड़ रुपये का ऋण दिया। उन्होंने कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। राष्ट्रपति की उपस्थिति में ही क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया, अमेजन, एनएसई, बीएससी और जीई हेल्थकेयर के प्रतिनिधियों व राज्य सरकार के बीच करार पर हस्ताक्षर भी किए गए। 

प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग द्वारा इस समिट का आयोजन किया गया है। समिट में आठ सत्रों में ओडीओपी उत्पादकों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। इस दौरान उद्यमियों को मार्केटिंग के तरीके, गुणवत्ता सुधारने की तकनीक, प्रशिक्षण आदि से जुड़े बिंदुओं की जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम स्थल पर ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ पर लगी प्रदर्शनी 12 अगस्त तक चलती रहेगी। गौरतलब है कि प्रदेश में ओडीओपी योजना की आधारशिला उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लखनऊ में ही 24 जनवरी को रखी थी।

ओडीओपी समिट का उद्घाटन करने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज सुबह करीब 9.30 बजे लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहां राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों ने उनका स्वागत किया। हवाई अड्डे से राष्ट्रपति सीधा राजभवन गये। वहां थोड़ी देर रुकने के बाद वह कार्यक्रम स्थल पहुंचे। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति फिर राजभवन गये और वहां आयोजित दोपहर के भोजन में शामिल हुए। राजभवन में ही कुछ लोगों से भेंट करने के बाद अपराह्न करीब चार बजे वह नई दिल्ली वापस चले गये। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर आज राजधानी लखनऊ में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे। 

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