Home Sliderमहाराष्ट्रमुंबईराज्य

विधानसभा में वंदे मातरम को लेकर हंगामा

मुंबई, 28 जुलाई : विधानसभा के वर्षाकालीन अधिवेशन में शुक्रवार को वंदेमातरम के मुद्दे पर सदन के अंदर व सदन के बाहर हंगामेदार स्थिति बनी रही। भाजपा विधायक ‘इस देश में रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा’ का नारा लगा रहे थे। उधर मुसलमान विधायक ‘किसी भी कीमत पर वंदे मातरम नहीं गाएंगे’ कहते नजर आ रहे थे। 

विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायक अनिल गोटे ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य भर के स्कूलों में वंदेमातरम अनिवार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्य अबू आसिम आजमी वंदेमातरम गाने का विरोध कर रहे है। देश पर शहीद होने वाले अब्दुल हमीद ने अपने आखिरी संबोधन में वंदेमातरम कहा था और भारत माता की जय कहा था, फिर दूसरे लोगों को इसे गाने की आपत्ति क्यों हैं। 

गोटे के इस सवाल पर आजमी ने कहा कि देश से मोहब्बत का पैमाना गीत नहीं हो सकता। मेरा मजहब कहता है कि अल्लाह के अलावा किसी दूसरे की पूजा नहीं की जा सकती है। मैं हजार बार हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा सकता हूं, लेकिन वंदेमातरम नहीं गाऊंगा। आजमी के यह कहते ही पूरे सदन में हंगामा शुरू हो गया। 

मनसे ने एक बार फिर अलापा मराठी मुद्दा , जबरन हटाया दुकानों पर लगे गुजराती व हिंदी बोर्ड

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व राजस्वमंत्री एकनाथ खडसे ने सपा विधायक अबू आसिम आजमी को नसीहत देते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई की शुरूआत वंदेमातरम गाकर की गई थी। वंदेमातरम का मतलब होता है कि मां तुझे सलाम। मां को सलाम करने में गलत क्या है। अगर इस देश में रहना है तो वंदेमातरम कहना ही होगा। यह बात कल विधान सभा में एकनाथ खडसे ने शून्यकाल में कही। 

कांग्रेस के विधायक असलम शेख ने कहा कि हमें वंदेमातरम गाने में कोई आपत्ति व परेशानी नहीं है। वंदेमातरम के दो पैरा में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन तीसरे पैरा में पृथ्वी की पूजा करने का जिक्र है जो हमारे धर्म के विरूद्ध है। इस बीच मिली जानकारी के अनुसार विधान भवन परिसर में मीडिया को बाईट देते समय एमआईएम विधायक वारिस पठान व राज पुरोहित के बीच इसी मुद्दे को लेकर कहा सुनी हो गई और स्थिति मारपीट तक पहुंच गई थी। लेकिन सुरक्षा रक्षकों ने बीचबचाव करते हुए मामले को शांत किया। 

Related Articles

Back to top button
Close