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श्री संकटमोचन दरबार में बैठकी श्रृंगार की अद्भुत झांकी देख श्रद्धालु हुए निहाल

वाराणसी, 11 अप्रैल (हि.स.)। बाबा विश्वनाथ की नगरी मंगलवार को केसरिया रंग में रंगी हनुमत प्रभु की आराधना में आकंठ लीन रही। हनुमान जयन्ती पर चहुंओर मंगल मूर्ति मारूति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन, जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपिश तिहु लोक उजागर की गूंज गली मोहल्लों चौराहों पर स्थित हनुमत मंदिरो में रही। बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाएं पवनसुत की भक्ति में आहलादित रहे। भोर से ही मंदिरो की साफ सफाई कर बजरंग बली को सिन्दूर लेपन के बाद तुलसी और गुलाब की माला से श्रृंगार किया गया। भोग आरती के बाद सूर्योदय की लालिमा के बीच दर्शन पूजन का अनवरत सिलसिला चलता रहा जो देर रात जाकर थमेगा।

उधर श्री संकटमोचन दरबार में हनुमान जयंती का आगाज भी हो गया। भोर में श्री संकटमोचन दरबार का विधि विधान और नये परिधान के बीच बैठकी मुद्रा का विशेष श्रृंगार किया गया। आरती पूजन के बाद सूर्योदय की लालिमा में दर्शन पूजन बैठकी की झांकी श्रृंगार को निहारने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। पूर्वांन्ह में दरबार में रूद्राभिषेक, श्री रामचरित मानस का एकान्ह पाठ सीताराम संकीर्तन से अध्यात्म और भक्ति की बारिश होने लगी। दरबार में हाजिरी लगाने वाले श्रद्धालु भक्ति भाव में आंखे मूद पवन सुत से बल बुद्धि के साथ परिवार में मंगलकामना श्री समृद्धि की गुहार भी लगाते रहे।

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उधर नगर के कई हिस्सो से भव्य हनुमत ध्वजा प्रभात फेरी भी निकलती रही । लगभग एक किमी लम्बी दूरी तक हनुमान भक्तो की कतार बजरंगी पताका लेकर इसमें शामिल होती रही। इसमें युवाओं के साथ महिलाओ ने भी बड़ी संख्या में शिरकत की।

इस क्रम में हनुमान ध्वजा प्रभात फेरी समिति के तत्वावधान में 15 दिवसीय प्रभात फेरी के अन्तिम दिन दुर्गाकुण्ड स्थित धर्मसंघ परिसर से निकलने वाली प्रभातफेरी में जनसैलाब उमड़ पड़ा। प्रभातफेरी निकलने के पूर्व धर्मसंघ में स्थित क्षेत्रपालेश्वर महादेव के दरबार में विधि विधान से पूजन अर्चन बाल बटुको ने किया। इसके बाद खुले ट्रक पर राम पंचायतन दरबार,विध्न हरण हनुमान,पालकी गणेश, पार्वती जी ओर चराचर जगत के स्वामी महादेव की झांकी सजी। इसकी 11 पंडितो ने महाआरती की। इसके बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मंहत और पुजारियो के अगुवाई में प्रभातफेरी निकली। जिसमें 501 महिलाएं मंगल कलश और 200 बाल बटुक बालध्वज पताका लेकर चल रहे थे। दरबार के आगे डमरू वादन दल डमरू बजा रहा था। प्रभातफेरी का समापन श्री संकटमोचन दरबार पहुंच कर हुआ।

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