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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद चिदम्बरम की राय से कार्य कर रहे केजरीवाल

नई दिल्ली,7 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल व उनकी सरकार अब केन्द्र सरकार व उसके द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल ,सेवानिवृत आईएएस अफसर अनिल बैजल के धौंस को पहले की तरह बर्दाश्त नहीं करेंगे। केजरीवाल अब सर्वोच्च न्यायालय के 4 जुलाई 2018 के फैसले के आलोक में कार्य करेंगे, जिसने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें उपराज्यपाल को दिल्ली का सर्वेसर्वा कहा गया था। इसके लिए वह एक्शन मोड में आ गये हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अब जमीन, पुलिस व पब्लिक आर्डर को छोड़कर अन्य सभी मामलों में फैसले लेने की कोशिश करने लगे हैं। लेकिन उसमें भी अड़ंगे लगाये जाने लगे हैं। इसे वह चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी करने लगे हैं।

जरूरत पड़ी तो फिर सर्वोच्च न्यायालय में जा सकते हैं। कुछ सांसदों का कहना है कि इसके कारण वे अफसर चिंतित हो गये हैं जो केन्द्र सरकार व उसके द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल अनिल बैजल के तथाकथित इशारे पर आम आदमी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं से लगायत अरविन्द केजरीवाल व उनकी सरकार को परेशान कर रहे थे, फंसा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि अरविन्द केजरीवाल अब पूर्व केन्द्रीय गृह व वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम से सलाह, राय-बात करके, केन्द्र सरकार व उपराज्यपाल की हर चाल की काट करने की कोशिश करने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदम्बरम सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील भी हैं। सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में वह भी वकील थे। इसलिए भी उन तमाम मामलों में, जिसमें केन्द्र सरकार, केजरीवाल को फंसाने की कोशिश कर रही है, चिदम्बरम की सलाह बहुत महत्वपूर्ण होगी। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी भी खुश हैं।

वह भी अब दिल्ली राज्य के मुख्यमंत्री के अधिकार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, काफी हद तक पुडुचेरी में कार्य करेंगे और केन्द्र सरकार व उपराज्यपाल किरण बेदी की धौंस में नहीं आयेंगे। कुछ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी भी पी.चिदम्बरम से राय लेने लगे हैं। मालूम हो कि 05 जुलाई 2017 को उपराज्यपाल किरण बेदी ने मुख्यमंत्री नारायणसामी को केन्द्रशासित राज्य के उपराज्यपाल की शक्तियों व अधिकार से संबंधित नियमों का अवलोकन करने को कहा था। अब 4 जुलाई 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद नारायणसामी , उपराज्यपाल किरण बेदी को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का अध्ययन करने के लिए कह रहे हैं| कांग्रेस महासचिव शक्तिसिंह गोहिल का कहना है कि केन्द्र की मोदी सरकार केजरीवाल की तरह पुडुचेरी में नारायणसामी को भी अपने नियुक्त उपराज्यपाल किरण बेदी के मार्फत परेशान कर रही है। इसलिए इस फैसले का असर वहां भी पड़ना ही है।

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