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हरियाणा से नहीं मिलेगा ज्यादा पानी, प्यासी रह जाएगी दिल्ली

नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में गर्मी में पानी की समस्या और बढ़ने के आसार है। अपर रिवर यमुना बोर्ड की सुनवाई में हरियाणा हर दिन सिर्फ 10 से 60 क्यूसेक पानी ही दिल्ली के लिए छोड़ने को तैयार हुआ जबकि दिल्ली जल बोर्ड की डिमांड 1,133 क्यूसेक पानी की है। डिमांड और सप्लाई के बीच अंतर काफी ज्यादा है। ऐसे में लगभग तय हो चुका है कि दिल्ली में पानी की सप्लाई भी इस पूरे सीजन में प्रभावित रहेगी। लोग विभिन्न तरीकों से शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें पिछले कई दिनों से सप्लाई का पानी नहीं मिल रहा है। यमुना बोर्ड में यह फैसला है कि एनजीटी में चल रहा केस भी वापस लिया जाएगा। कोशिश रहेगी कि सभी जगहों पर थोड़ा-थोड़ा पानी सप्लाई होता रहे है।

जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया का कहना है कि अपर रिवर यमुना बोर्ड के सामने दिल्ली और हरियाणा की बातचीत हुई। इसमें फैसला लिया है कि हरियाणा दिल्ली को पानी देता रहेगा और जल बोर्ड एनजीटी में चल रहा केस वापस लेगा। हरियाणा ने लिखकर कहा कि वह दिल्ली में हर दिन 10 से 60 क्यूसेक पानी छोड़गा। पहले ही सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि पानी का विवाद आपस में बातचीत से सुलझाए। ऐसे में जल बोर्ड के पास बहुत अधिक ऑप्शन नहीं बचे थे। दूसरी तरफ लोग जल बोर्ड से लगातार पानी मांग रहे हैं। अलग-अलग इलाकों से ऐप, वेबसाइट, फेसबुक और ट्विटर पर पानी की समस्याएं जल बोर्ड तक पहुंचा रहे हैं।

एक शख्स राहुल का कहना है कि रोहिणी सेक्टर-२४ के पॉकेट ११ में ३ दिनों से पानी नहीं आया है। शिकायत करने पर हर बार एक नया नंबर मिल जाता है। द्वारका मोड में ५ से ६ दिन बाद पानी आ रहा है। मोहन गार्डन के कुछ हिस्सों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। मालवीय नगर के बेगमपुर गांव में पिछले १० दिनों से सप्लाई का पानी नहीं आया है। इसी तरह गोविंदपुरी एक्सटेंशन, आया नगर आदि में पानी की कमी है।

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