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हाईकोर्ट : जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरोपियों को पेश करें

मुंबई, 13 अप्रैल (हि.स.)। पुलिस के तनाव व सरकार के पैसे की बचत को देखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरोपियों को पेश किया जाए।

गौरतलब है कि राज्य की जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या, पुलिस पर बढ़ते तनाव को देखते हुए मुंबई उच्च न्यायालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक विशेष बैठक का आयोजन न्यायमूर्ति विद्यासागर कानडे और न्यायमूर्ति सीवी भडंग की अध्यक्षता में की गई। बैठक में राज्य के मुख्य सचिव और जेल प्रशासन के आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के बाद राज्य सरकार को निर्देश देते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि, कैदियों को जेल से अदालत लाने व ले जाने के समय पुलिसकर्मी तनाव की स्थिति मेें होते हैं।

अगर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा लागू होती है तो पुलिसकर्मियों का तनाव कम होगा और सरकार का प्रतिदिन 15 लाख रुपये बचेगा। साथ ही हाईकोर्ट ने जेल में बढ़ती कैदियों की संख्या पर चिंता व्यक्त की है। सरकार को निर्देशित करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए कैमरे और अन्य उपकरण जेल प्रशासन को उपलब्ध करवाया जाएं। प्रत्येक जेल में जनरेटर्स और इनवर्टर्स भी देने का विचार करें। सौर उर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए जेल में सोलर पैनल लगवाएं। संभव है तो कोर्ट और जेल के बीच डायरेक्ट लाइन उपलब्ध करवाने का विचार किया जाए, जिससे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो।

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उल्लेखनीय है कि आर्थर रोड कारागृह से एक कैदी ने हाईकोर्ट को एक पत्र लिखा था। इसी पत्र को हाईकोर्ट ने सु-मोटा याचिका के रूप में बदल दिया और इसी याचिका पर हाई कोर्ट के कॉन्फ्रेंस हॉल में सुनवाई हुई।

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