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28 साल बाद मकर संक्रान्ति पर सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग

वाराणसी, 11 जनवरी=  धर्म नगरी काशी में मकर संक्रांति पर्व की तैयारियां जहां हर घर में हो रही है। वहीं शहर के प्रमुख बाजारों और चौराहों पर गुड़, तिलकुट, लाई, दलपट्टी-गजक, चूड़ा और पतंग की स्थाई और अस्थाई दुकानें सज गई हैं। घरों में भी वृद्ध महिलाओं की देखरेख में ढूंढा, तिलवा बनाने का काम शुरू हो गया है। जबकि रेडिमेड सामानों की खरीददारी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। शहर के लहुराबीर, चेतगंज, मंड़ुवाडीह, विश्वेश्वरगंज चौराहे पर अस्थाई दुकानों पर बुधवार को खरीददारों की भीड़ देखी गई।

चेतगंज चौराहे पर तिल-पट्टी और गजक के स्थाई दुकानदार अशोक गुप्ता ने बताया कि रेडीमेड तिलकुट, ढूंढा, पट्टी लोग ज्यादा खरीद रहे है। झार में बनाने की परम्परा अब कुछ घरों में ही रह गई है। उन्होंने बताया कि बिक्री में तेजी एक दिन बाद आएगी। उधर लम्बे समय बाद इस वर्ष मकर संक्रान्ति 14 जनवरी को पड़ रहा है। इसी तरह ढाई दशक बाद संक्रांति के दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। इस दिन चंद्रमा का कर्क राशि में अश्लेषा नक्षत्र के पड़ने से प्रीति योग, मानस योग बन रहा है। जो 28 साल बाद हुआ है।

इस सम्बन्ध में ज्योतिषविद् आचार्य डॉ. राजकिशोर पाण्डेय ने बताया कि 14 जनवरी शनिवार को दिन में 1.51 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। बताया कि सभी राशि के लोगो को एक साथ इन शुभ योगों का लाभ मिलेगा। बताया कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होता है। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहुर्त्त भी शुरू हो जाएंगे। बताया कि पर्व पर दान-पुण्य करना होगा लाभकारी मनेगा। बताया कि सूर्यास्त तक पुण्यकाल का योग है। संक्रांति के दिन तिल का दान करना श्रेष्ठ और शुभ माना गया है।

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