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निकाय चुनाव : महंत देव्यागिरि बना-बिगाड़ सकती हैं तीन वार्डोंं का समीकरण

लखनऊ, 07 नवम्बर (हि.स.)। नगर निकाय चुनाव में हिन्दू-मुस्लिम आबादी वाले लखनऊ के तीन वार्ड डालीगंज, कदमरसूल और मनकामेश्वर वार्ड के बीच में मनकामेश्वर मठ-मंदिर स्थित है। यहां की महंत देव्यागिरि सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी सक्रियता रखती हैं। तीनों वार्डों में समीकरण बना-बिगाड़ सकती हैं। 

मंगलवार को मनकामेश्वर मंदिर में महंत देव्यागिरि ने एक बैठक की। जिससे उनके समर्थकों को इससे दूर रखा गया। बैठक में मंदिर से जुड़े लोगों को बुलाया गया था। बैठक में जहां पर मंदिर के प्रभाव क्षेत्र में आने वाले प्रत्याशियों को लेकर चर्चा हुई। मनकामेश्वर मंदिर का प्रभाव वैसे तो समूचे लखनऊ में है। लेकिन मंदिर परिसर के बाहर तीन वार्डों में सीधे मंदिर और यहां की महंत देव्यागिरि का प्रभाव है।
जानकारी के अनुसार, डालीगंज वार्ड में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी ज्योति शुक्ला से भाजपा प्रत्याशी कविता अग्रवाल से सीधे तौर पर मुकाबला होने जा रहा है। स्थानीय लोगों के मतदान से दोनों पार्टियों में से एक प्रत्याशी के भाग्य का फैसला तय होगा। 

डालीगंज वार्ड में सपा के कद्दावर नेता अन्ना की बहू के रूप में सपा प्रत्याशी ज्योति शुक्ला की पहचान है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी कविता अग्रवाल का परिवार आरएसएस परिवार के रूप में पहचाना जाता है। दोनों ही प्रत्याशी दमदार हैं। 

सपा प्रत्याशी ज्योति शुक्ला के पति मुकेश शुक्ला मनकामेश्वर मंदिर के प्रति बड़ी श्रद्वा रखते हैं। महंत से मुकेश शुक्ला को आशीर्वाद प्राप्त है। इसी प्रकार कविता अग्रवाल के पति भाजपा नेता अतुल अग्रवाल सीधे तौर पर मंदिर के कार्यक्रमों में भागीदारी करते हैं। 

डालीगंज वार्ड की सीमाओं को छूते हुए मनकामेश्वर वार्ड की सीमाएं लगती हैं। यहां से पार्षद रंजीत सिंह रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के समय रंजीत सिंह ने कांग्रेस की सदस्या छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली। इससे नगर निकाय चुनाव में महिला वार्ड होने पर वह अपनी पत्नी रेखा रोशनी के लिए भाजपा से टिकट मांग रहे थे और जो संघर्ष के बाद उन्हें मिल भी गया। रेखा भाजपा की प्रत्याशी हो गयी। रेखा का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी हाशमी खान से होने जा रहा है, जो सपा नेता जावेद खान की पत्नी है। 

जावेद खान की हिन्दू-मुस्लिम परिवारों के कार्यक्रमों में मौजूदगी उनके पक्ष को मजबूत करती है। वहीं मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि के सामाजिक कार्यक्रमों में जावेद खान जाते आते रहे हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी रेखा के पति रंजीत सिंह ने मनकामेश्वर मंदिर के सामने ही अपना कार्यालय खोले हुए हैं और मंदिर के प्रत्येक कार्यक्रम में वह बढ़चढ़ कर भागीदारी रखते हैं। 

मनकामेश्वर मंदिर से चंद कदम की दूरी पर कदमरसूल वार्ड की सीमा शुरू हो जाती है। वार्ड में भाजपा के प्रत्याशी रजनीश छिब्बर हैं, जो पिछले बार हार गये थे। कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी मोहम्मद सगीर ने रजनीश छिब्बर को हराया था, जो इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट से फिर से मैदान में हं। सगीर के पार्षद बनने से पहले उनकी पत्नी भी पार्षद रह चुकी हैं। मोहम्मद सगीर कभी बसपा के नेता रहे हैं, फिर कांग्रेस में आये और आजकल सपा में सक्रिय हैं। बताया जाता है कि कदमरसूल वार्ड में भाजपा के कमल का फूल कभी नहीं खिला है। ऐसे में रजनीश छिब्बर को हिन्दू मतदाताओं से काफी उम्मीद है और इसके लिए टिकट मिलने के साथ ही उन्होंने मनकामेश्वर मंदिर में मत्था टेक दिया है। 

भाजपा प्रत्याशी रजनीश को भी मनकामेश्वर मंदिर के महंत का आशीर्वाद प्राप्त है। भाजपा समर्थकों में अधिकांश सोमवार को मंदिर में दर्शन पूजन करने वाले ही हैं। वह अपने समर्थकों के साथ कदमरसूल वार्ड में घूमते हुए कई बार हरहर महादेव का नारा लगा रहे हैं। वहीं हिन्दू इलाकों के अलावा मुस्लिम बहुल्य मोहल्लों इरादत नगर, खाण्डोटोला, मसालची टोला में अपने मतदाताओं के द्वार तक पहुंचने में जुटे हैं। 
बता दें कि महंत देव्यागिरि का नाम लखनऊ से महापौर के टिकट के लिए पहली बार भाजपा खेमे में और दूसरी बार सपा खेमे में उठाया गया। दोनों ही पार्टियों से उन्हें टिकट नहीं मिल सका। 

महंत देव्यागिरि ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में कहा कि मंदिर के प्रति जिसकी श्रद्वा है, उसे मेरा आशीर्वाद प्राप्त है। मंदिर सभी के लिए खुला है। यहां कोई राजनीति नहीं है, ये भगवान शिव का दरबार है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र के बाहर भी मेरे शिष्यों की संख्या है। जो व्यक्ति मंदिर में भोलेनाथ का आशीर्वाद लेता है, मेरा आशीष भी उस पर सदैव बना रहेगा। 

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