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भाग्यशाली हूं कि रानी और वंदना जैसे वरिष्ठ के साथ खेलने का मौका मिला : उदिता

नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड उदिता ने कहा है कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें रानी और वंदना कटारिया जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि मेरी भारतीय टीम के साथ एक शानदार यात्रा रही है। रानी और वंदना मेरी आइडियल खिलाड़ी हैं और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। वे बहुत ही अनुभवी खिलाड़ी हैं और उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ खेलने का मौका मिला है।

22 वर्षीय उदिता ने कहा, “मैं उनको फॉलो करती हूं। वे मैच से पहले अभ्यास और रणनीति बनाती हैं। मैं चाहती हूं कि मैं किसी दिन उनके जैसी बन सकूं। हरियाणा की फॉरवर्ड खिलाड़ी उदिता का जीवन आसान नहीं था। उदिता ने 2015 में बहुत कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और तब से उनकी मां का उनके जीवन में सबसे बड़ा रोल रहा है। जैसा कि देश ने रविवार 10 मई 2020 को मदर्स डे मनाया, उदिता ने अपनी माँ को हमेशा साथ रहने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, “मेरी मां मेरी जिंदगी में बहुत खास हैं। 2015 में अपने पिता को खोने के बाद, मेरी मां हम सभी के लिए एक बड़ा सहारा रही हैं ।हम तीन भाई बहन हैं। हमारी मां ने हमारे पिता का स्थान लिया और हमेशा हमारे लिए वो सब कुछ किया,जिसकी हमें जरूरत थी। भारतीय महिला हॉकी टीम में मैं केवल अपनी मां की वजह से हूं। वह मेरी दोस्त भी है। यह बताने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है कि मेरी मां मेरे लिए कितनी खास है। इसलिए इस मदर्स डे पर, मैं हमेशा अपने साथ रहने के लिए मां को धन्यवाद देना चाहूंगी।”

उदिता हॉकी से पहले अपने स्कूल में हैंडबॉल खेलती थी। हालाँकि, एक चरण था जब उनके हैंडबॉल कोच लगातार तीन दिनों तक उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद उदिता ने अपनी मां से पूछा कि क्या वह हॉकी उठा सकती है। और एक बार जब उन्होंने हॉकी उठा ली उसके बाद फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

उन्होंने कहा,”यह आश्चर्यजनक है कि कभी-कभी जीवन आपको वहां ले जाती है, जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती। मेरे हैंडबॉल कोच तीन दिनों तक नहीं आये और फिर मैंने स्कूल में हॉकी को अपनाया और मैंने समझ लिया कि मैं इस खेल में अच्छा हो सकता हूं।”

उन्होंने कहा कि 2016 में अंडर-18 एशिया कप मेरे लिए एक बड़ा मोड़ था। मैं भारतीय टीम की कप्तान थी और हमने टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। प्रतियोगिता में मेरे प्रदर्शन को पहचान मिली और आखिरकार, मैंने सीनियर भारतीय टीम में पहुंचने का रास्ता बना लिया। हॉकी महिला विश्व कप लंदन 2018 के लिए टीम का हिस्सा होना एक विशेष अहसास था, लेकिन मैं कुछ बड़े टूर्नामेंट से चूक गई। मैं लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने पिछले मैचों के बहुत सारे फुटेज देख रही हूं और अपने खेल में सुधार करने की कोशिश कर रही हूं। उदिता ने कहा, कुछ महत्वपूर्ण चीजें जो मुझे पिच पर वापस आने के बाद सुधारने की जरूरत हैं। उम्मीद है कि मैं अपने कौशल में तेजी से सुधार करूंगी और एक बेहतर खिलाड़ी बनूंगी।

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गये लॉक डाउन के दौरान भारतीय महिला हॉकी टीम बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण परिसर में अपने कमरे में विभिन्न फिटनेस अभ्यास कर रही है। (एजेंसी, हि.स.)

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