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बालू पर फिर बड़ा फैसला ले लिया है सरकार ने, अब यहां अटकेगा मामला

पटना, सनाउल हक़ चंचल-

पटना : बालू और पत्थर की ढुलाई अब बिना जीपीएस और ई-लॉक लगे वाहनों से नहीं होगी. 15 नवंबर के बाद ऐसे वाहनों में जीपीएस और ई-लॉक अनिवार्य कर दिया गया है. जीपीएस नहीं लगे होने पर वाहन को जब्त कर चालक और मालिक पर एफआईआर की जाएगी. इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है. ट्रांसपोर्टर किसी भी एजेंसी से विभाग द्वारा तय मानकों के अनुसार जीपीएस और ई-लॉक लगवा सकते हैं. इसकी सूचना विभाग को देनी होगी.

वाहनों में जीपीएस लग जाने के बाद बालू के अवैध कारोबार पर रोक लगेगी. बालू लदे वाहन जहां भी जाएंगे उसकी ट्रैकिंग होती रहेगी. अभी ट्रैक्टर या ट्रक से बालू की ढुलाई की जाती है. बालू कहां से रहा है और कौन ले जा रहा है इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है. अवैध तरीके से बालू का खनन भी होता है.

बिहार लघु खनिज नियमावली-2017 की धारा 45 के तहत पहली बार बालू बिक्री के लिए रिटेलर सिस्टम शुरू किया जा रहा है. इसके तहत डायरेक्ट कोई एजेंसी या व्यक्ति बालू का कारोबार नहीं कर सकता है, बल्कि एजेंसी खनन करने का काम करेगा और वह खनन निगम को देगा. खनन निगम रिटेलर को देगा और रिटेलर कंज्यूमर को देगा. पहले यह व्यवस्था नहीं थी. ऐसी व्यवस्था से अवैध बालू के कारोबार पर रोक लगेगी.

बालू का खुदरा कारोबार करने के लिए 13 नवंबर तक आवेदन लिया जाएगा. 15 नवंबर को दुकान का आवंटन किया जाएगा. रिटेलर का लाइसेंस उसी व्यक्ति को दिया जाएगा जिसके पास कम से कम पांच गाड़ी खड़ी रखने के लिए जमीन हो. वह जमीन सरकारी नहीं होगी. अगर लाइसेंसधारी के पास अपनी जमीन नहीं है तो वह किराए पर भी व्यवस्था कर सकता है. पैन कार्ड और आधार कार्ड के साथ आवेदक को पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट देनी होगी.

जीपीएस सिस्टम और ई-लॉक विभागीय समिति द्वारा तय मानकों के आधार पर विभाग द्वारा इमपेनल्ड एजेंसी से भी अपनी सुविधानुसार लगवा सकते हैं. इसके लिए निर्धारित न्यूनतम दर 15 हजार रुपए जीएसटी सहित एक वर्ष की गारंटी के साथ और प्रति वर्ष नवीकरण शुल्क 1500 रुपए होगा.

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