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योगी सरकार का विद्याभारती को झटका, सम्बद्ध स्कूल नहीं बने परीक्षा केंद्र

लखनऊ, 08 दिसम्बर (हि.स.)। यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्रों के निर्धारण पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। इस बार बोर्ड परीक्षा करवाने में विद्याभारती के स्कूलों को परीक्षा केंद्र की सूची से बाहर रखा गया है। बोर्ड परीक्षा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचार धारा वाले विद्याभारती स्कूलों को परीक्षा केन्द्र से वंचित रखा है, जबकि उनके विचारधारा के विपरीत ताल्लुक रखने वाली सरकारों में भी विद्याभारती के स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाता रहा है।

बावजूद इस बार उन्हें परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है। इधर, विद्या भारती का दावा है कि उसके स्कूलों द्वारा सभी मानकों को पूरा किया गया है और पिछले 25 वर्षों से इसके स्कूलों को बोर्ड परीक्षा केन्द्र के रूप में मान्यता मिलती रही है। बावजूद इसके आरएसएस के विचारों से प्रभावित योगी सरकार ने पिछले सभी रिकार्ड्स को धता बताते हुए विद्याभारती के स्कूलों को बोर्ड के परीक्षा केंद्रों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

प्रदेश निरीक्षक राजेन्द्र यादव की माने तो इलाहाबाद के नामी स्कूलों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया। उसी प्रकार लखीमपुर के पण्डित दीनदयाल इण्टर कॉलेज, लालगंज बलिका इण्टर कालेज बराबंकी का विद्यामंदिर इण्टर कॉलेज, ऊॅंचाहार का एनटीपीसी इण्टर कालेज को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हमारे सारे विद्यालय लगातार परीक्षा केन्द्र बनते रहें हैं, और सारे मानक को भी पूरा करते रहें लेकिन इस बार पता नहीं क्यों परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है। इस बारे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा से भेंटवार्ता हुई है, उन्होंने अश्वासन दिया है। लेकिन परीक्षा केन्द्र क्यों नहीं बनाया गया। पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षा के दौरान ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। इनमें कई विद्यालय ऐसे थे, जिनमें बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, लेकिन इसके बावजूद इन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बना दिया गया था। कई ऐसे स्कूलों को भी सेन्टर बनाया गया जो कि सिर्फ कागजों में चल रहे यह कहां तक सही है।

माध्यमिक शिक्षक के प्रदेशीय मंत्री आरपी मिश्रा ने आरोप लगाया है कि नकल माफियाओं से मिलीभगत कर प्रदेश में परीक्षा केंद्रों के निर्धारण किया गया है। जो मानक को पूरा कर रहे हैं, ऐसे स्कूलों को वंचित रखा गया है। जबकि मानक को पूरा नहीं कर रहें उन्हें केन्द्र बनाया गया है। इसमें बोर्ड कार्यालय के पदाधिकारी और शिक्षा माफिया मिलकर खेल कर रहे हैं।

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