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वर्षों से चली आ रही प्रथा हुई बंद , इस मंदिर में नहीं दी जायेगी बकरे की बलि

मुंबई, 16 सितंबर : नाशिक के प्रख्यात सप्तश्रृंगी गढ़ (मंदिर) पर अब बकरे की बलि नहीं दी जा सकती है। अनेक वर्षों से चली आ रही इस प्रथा को बंद करने का निर्णय मंदिर प्रशासन ने लिया है। मंदिर प्रशासन के इस निर्णय का चहुंओर स्वागत किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष घटित एक दुर्घटना में 12 भक्त घायल हो गए थे। इसलिए मंदिर प्रशासन ने इस तरह का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि नाशिक के प्रख्यात सप्तश्रृंगी गढ़ (मंदिर) पर बकरे की बलि देने की प्रथा वर्षों से चली आ रही है। पिछले वर्ष बकरे की बलि देने के बाद मानवंदना देने की प्रथा है। मानवंदना के दौरान की गई गोलीबारी से मंदिर परिसर में उपस्थित रहे 12 भक्त घायल हो गए। पिछले वर्ष की दुर्घटना को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने बकरे की बलि की प्रथा को बंद करने का निर्णय लिया है। 

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मंदिर परिसर में बकरे की बलि देने की जहां मनाही की गई है, वहीं भक्तों के व्यक्तिगत कार्यक्रम पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। मंदिर परिसर में बकरे की बलि पर रोक जारी रहेगी, इस निर्णय में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तुलजापुर मंदिर में कुछ दिनों पूर्व मांसाहारी नैवेद्य पर पाबंदी लगाई गई थी। पाबंदी लगाने के कुछेक घंटे बाद ही मंदिर प्रशासन ने अपना निर्णय वापस ले लिया था। 

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