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भदोही में सपा के सामने होगी गढ़ बचाने की चुनौती

Uttar Pradesh.भदोही, 07 मार्च=  यूपी की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए भदोही में खुद का गढ़ बचाना उसके लिए चुनौती होगी। उसे अपने ही बागियों से जुझना पड़ रहा है। जिले की तीनों विधानसभाओं पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। लेकिन पार्टी में चाचा-भतीजे और बाप-बेटे में सिंहासन को लेकर छिड़ी लड़ाई ने उसके सामने बड़ी चुनौती खड़ी की है। भदोही में बाहुबली विधायक विजय मिश्र उसके लिए बड़ी मुश्किल बने हैं। 04 मार्च को उन्हें के खिलाफ एक चुनावी सभा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से बोले गए उस बयान के खिलाफ आयोग ने नोटिस भेजा है जिसमें उन्होंने कहा थी नोट उसका लीजिए और वोट साइकिल को दीजिए।

समाजवादी परिवार में छिड़ी जंग के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विजय मिश्र का टिकट काटने के बाद उन्हें सपरिवार पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखाया। जिसके बाद विजय मिश्र ने निषाद पार्टी से चुनावी मैदान में हैं। भदोही की राजनीति में उनका दबदबा रहता है। सबसे बड़ी बात वह ब्राहमण नेता माने जाते हैं। अगड़ी जाति में उनकी अच्छी पकड़ है। लेकिन समाजवादी पार्टी में उनके दबदबे से पिछड़े नेताओं की नहीं चल पाती थी। जिससे हमेंशा टकराहट रहती थी। क्योंकि विजय मिश्र राजनीति में बाहुबली और दबंग छबि के माने जाते हैं।

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उनका सीधा संबंध यादव बंधुओं से था। लेकिन स्थिति बदलने के बाद वह अखिलेश के लिए बड़े टारगेट बन गए। सपा में उनकी मौजूदगी तीनों विधानसभाओं पर प्रभाव डालती थी खास तौर पर ब्राहमण मतों को लेकर लेकिन पार्टी से बाहर किए जाने के बाद स्थिति बदल गयी। वर्तमान में भदोही, औराई और ज्ञानपुर की तीनों सीटों पर सपा का कब्जा था। इस बार सपा अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहती है या नहीं यह कहना मुश्किल है। क्योंकि ज्ञानपुर में विजय मिश्र सपा उम्म्मीदवार रामरति बिंद को खड़ी टक्कर दे रहे हैं।

यह सीट भाजपा और बसपा के लिए भी चुनौती है। बसपा ने यहां से राजेश यादव को उतारा है। जबकि भदोही से सपा उम्मीदवार जाहिद बेग के सामने बसपा के पूर्वमंत्री रंगनाथ मिश्र और भाजपा से रविंद्रनाथ त्रिपाठी हैं। जबकि भदोही सपा उम्मीदवार और वर्तमान विधायक मधुबाला पासी का मुकाबला भजपा उम्मीदवार और पूर्वमंत्री दीनानाथ भाष्कर से है। अब देखना है कि सपा को सत्ता का लाभ मिलता है। यह चुनाव सीएम अखिलेश के लिए बड़ी चुनौती होगी।

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