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सिरसाः डेरा मुख्यालय से बिना नंबर की लग्जरी कार, नकदी और ओबी वैन बरामद

सिरसा, 08 सितम्बर : हाईकोर्ट के निर्देशों से कोर्ट कमिश्नर अनिल कुमार पंवार के नेतृत्व में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में चलाए गए सर्च आपरेशन के बाद शुक्रवार को सर्च टीम को डेरा सच्चा सौदा से पांच लोग मिले हैं। इनमें दो किशोर एवं तीन नाबालिग बच्चे हैं। किशोरों के परिवारजनों को सौंपा गया जबकि तीन नाबालिग बच्चों को जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. गुरदीप को सौंपा गया है। वहीं, डेरा में जांच कर रही टीम ने एक बिना नंबर की एक लग्जरी कार और एक ओबी वैन मिली। इन दोनों वाहनों को टीम ने कब्जे में ले लिया है। इसके अलावा डेरा परिसर में बने रेडीमेट गारमेंट स्टोर में करीब 1500 जूते एवं तीन हजार कपड़े भी बरामद किए गए हैं।

वहीं, डेरा सच्चा सौदा के मुख्य कार्यालय में बने एक भवन में दों कमरों से तीन कम्प्यूटर, हार्ड डिस्क, रिकॉर्डिंग कैमरे के अलावा बारह हजार रुपये की नई करंसी व सात हजार रुपये की पुरानी करंसी मिली है। सभी चीजों को अपने कब्जें में ले कमरों को सील किया गया है। टीम ने शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे सर्च आपरेशन शुरू कर दिया था। सर्च अभियान से पहले डेरा में अर्धसैनिक बलों व आर्मी की करीब 45 कंपनियां हजार जवान एवं पांच हजार के करीब पुलिसकर्मीयों ने डेरा में तैनात कर दिए थे।

वहीं, बड़े क्षेत्र में फंसे डेरा सच्चा सौदा परिसर करीब साढ़े 700 एकड़ में खेत हैं। ऐसे में इतने बड़े परिसर में गहनता से सर्च ऑपरेशन चलाने को लेकर खास रणनीति अमल में लाई गसे करीब चार किलोमीटर दूर पुराना डेरा सच्चा सौदा को दो सेक्टरों में जबकि शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित डेरा सच्चा सौदा हेडक्वॉर्टर को आठ सेक्टरों में विभाजित किया गया।

सर्च ऑपरेशन के लिए 10 अहम टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक सेक्टर में एक टीम को जांच का जिम्मा सौंपा गया। पूरा ऑपरेशन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त किए कोर्ट कमिश्नर एएसके. पंवार के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। प्रत्येक टीम का इंचार्ज एसपी एवं डीएसपी रैंक के अधिकारी को लगाया गया है और प्रत्येक टीम में करीब 50 से 60 विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रत्येक टीम में पुलिस के आला अधिकारियों के, फोरेंसिक जांच विशेषज्ञ, बम निरोधक दस्ता, साइबर सेल विशेषज्ञ, ताला तोड़ने के माहिर, जनस्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग के अलावा विभिन्न तरह की विशेषज्ञ लोग शामिल किए गए हैं।

जांच को निर्णायक दौर तक ले जाने के लिए बम निरोधक उपकरण, मेटल डिटेक्टर, जेसीबी मशीनें, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सहित खास तरह के उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं। दोपहर के बाद उत्तराखंड के रुड़की के आईआईटी से फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी डेरा में पहुंच गई। सर्च के दौरान बिना लेवल के दवाइयों का जखीरा मिला है। जांच विशेषज्ञ टीम को दी गई है। डेरा में चलने वाली स्वयं की प्लास्टिक कंरसी को भी सर्च टीम ने कब्जे में लिया है। करीब 60 कैमरा मैनों द्वारा पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी करवाई गई।

वहीं, पूरी फोर्स की कमान हिसार रेंज के आईजी अमिताभ ढिल्लो संभाल रहे हैं, जबकि जिलाधीश प्रभजोत सिंह मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सिरसा के पुलिस अधीक्षक अश्विन शैणवी के अलावा आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी भी तैनात किए गए हैं। डेरा परिसर में करीब तीन दर्जन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के अलावा 10 जेसीबी मशीन एवं 30 से अधिक रोडवेज की बसें मंगवाई गई।

इसके अलावा, 100 के करीब मजदूरों को भी शामिल किया गया। डेरा में सर्च ऑपरेशन को लेकर सबसे अधिक चर्चा नरकंकालों को लेकर हो रही है। डेरा के दो पूर्व साधुओं हंसराज एवं गुरदास मीडिया में यह आरोप लगा चुके हैं कि डेरा में अनेक लोगों को कत्ल कर खेतों में दबा दिया गया और बाद में वहां पर पेड़ लगा दिए गए। इसकी जांच के लिए ही जेसीबी मशीनें व विशेष प्रकार के उपकरण डेरा में जुटाए गए। सूत्रों का कहना है कि अभी खुदाई के कार्य में वक्त लग सकता है।
राम रहीम के काफिले में भी होती थीं लग्जरी गाड़ियां

सर्च टीम ने शुक्रवार को डेरा में एक बिना नंबर की लग्जरी गाड़ी बरामद की है। ऐसी ही लग्जरी गाड़ियां राम रहीम के कफिले में हुआ करती थीं। गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने वाले दिन सिरसा के गांव फूलकां के पास ऐसी ही एक लग्जरी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। सुरक्षा के दृष्टिगत पूरा सर्च ऑपरेशन आर्मी और अर्धसैनिक बलों के जवानों के साए में चलाया जा रहा है। इसलिए पुराने डेरा से लेकर नए डेरा तक छह किलोमीटर के पूरे दायरे में चप्पे-चप्पे पर आज सेना के जवान तैनात कर दिए गए।

वहीं, डेरा सच्चा सौदा सिरसा-भादरा रोड पर स्थित है। इस मार्ग के अलावा यह डेरा रंगड़ी, धिंगतानियां, बाजेकां से वाया नेजिया से भी सडक़ मार्ग के जरिए कनेक्ट होता है। इन सभी मार्गों पर नाके लगाए गए हैं। डेरा की ओर जाने वाले इन सभी मार्गों को सील कर दिया गया है। कुल 16 जगह नाके लगाए हैं। नाकों पर अर्धसैनिक बलों के जवानों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

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