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अजब-गज़ब: जन्म लेने से पहले ही इस छात्र ने ले लिया था स्कूल में दाखला !

पटना, सनाउल हक़ चंचल- आपको यह सुन कर आश्चर्य होगा कि परमाणु कुमार नाम का एक छात्र का जन्म से पूर्व ही स्कूल में  नामांकन हो गया था। इस बात का खुलासा मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया है।

बताते चलें कि पटना के दनियावां प्रखंड के पिरबढ़ौना गांव निवासी दिलीप साव का पुत्र परमाणु कुमार 13 से 14 वर्ष की उम्र में इंटर की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास हुआ है और जेईई मेंस की परीक्षा में भी 47462वां रैंक ले आया है। 

आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई में बाधा पड़ने पर परमाणु कुमार ने सहायता के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगायी, तब प्रधानमंत्री कार्यालय से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने हेतु राज्य  सरकार को निर्देशित किया गया।इसके आलोक में जिलाधिकारी पटना द्वारा उम्र संबंधी सुधार हेतु परमाणु कुमार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को कहा गया. तब इसने पटना सिविल सर्जन से उम्र सत्यापन हेतु गुहार लगायी।

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उम्र सत्यापन के दौरान मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्गत रिपाेर्ट, जो तीन जून, 2017 को दी गयी है, उसमें परमाणु की वास्तविक उम्र तेरह से चौदह वर्ष के बीच बतायी गयी है, जबकि राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में 14 वर्ष से कम उम्र वाले को मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होना वर्जित माना गया है।

मेडिकल बोर्ड की उम्र के अनुसार परमाणु कुमार साढ़े दस साल की उम्र में ही वर्ष 2014 में मैट्रिक प्रथम श्रेणी से, वर्ष 2016 में आइएससी प्रथम श्रेणी से और वर्ष 2017 में जेइइ मेंस में 47462 वां रैंक लाया है।

मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद विद्यालय में मचा हड़कंप

 मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद उसके विद्यालय में भी हड़कंप मच गया है। कोई भी शिक्षक इस विषय पर बोलने को तैयार नहीं है, आखिर कम उम्र में परमाणु कुमार ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कैसे पास की और इसके लिए जिम्मेवार कौन है।

परमाणु के पिता दिलीप साव का कहना है कि मैंने निजी विद्यालय से आठवीं उत्तीर्ण के सर्टिफिकेट पर नालंदा जिले के हाई स्कूल माधोपुर चंडी में नामांकन कराया था।

उन्होंने यह भी  बताया कि उनका पुत्र परमाणु कुमार का वास्तविक जन्म 9 दिसंबर, 2002 ही है, परंतु वर्ष 2014 की मैट्रिक के परीक्षा में भाग लेने हेतु स्कूल प्रशासन द्वारा साढ़े 10 साल के परमाणु कुमार को मैट्रिक का फाॅर्म नहीं भरने दिया जा रहा था। इसी वजह से उसकी उम्र को बढ़ा कर फाॅर्म भराया गया, जिसमें उसका जन्म दिन 9 दिसंबर, 1999 कर दिया गया था।

परमाणु कुमार  परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ। गरीबी के कारण पढ़ने में परेशानी हो रही थी। इस वजह से प्रधानमंत्री कार्यालय को आर्थिक सहायता हेतु पत्र लिखा गया था, जिसे बिहार चीफ सेक्रेटरी और डीएम को अग्रसारित कर दिया गया.  जिसके आलोक में मेडिकल टीम द्वारा उम्र की जांच की गयी, तो उम्र 13 से 14 वर्ष ही पायी गयी है। 

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