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आरक्षण विरोधी हैं भाजपा-आरएसएस : पल्लवी

लखनऊ, 21 जनवरी= अपना दल के दोनों धड़ों में चल रहे घमासान के बीच कृष्णा पटेल गुट की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आरक्षण का धुर विरोधी करार दिया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग हमारी सुनवाई नहीं कर रहा है।

पल्लवी ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन सिंह ने जयपुर में आरक्षण खत्म करने की बात कही थी। इसी तरह आरएसएस के सरसंघ संचालक मोहन भागवत, भाजपा, केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, केन्दीय राज्यमंत्री अनुप्रिय पटले भी दलित, पिछड़ा आरक्षण विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सड़क से लेकर सदन तक आरक्षण की लड़ाई लड़ी जाएगी।’
पल्लवी ने कहा, ‘आरक्षण हमारा संवैधानिक अधिकारी है। यह हमे भीख में नहीं मिला, जिन्हे मुख्याधारा में होना चाहिए वह पिछड़ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पटेलों का धुर विरोधी हैं। वह अपना दल तोड़कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं।’

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा, ‘किसानों का कर्जा माफ करने के मुद्दे को लेकर पूरी ताकत से अपना दल चुनावी मैदान में उतरेगी। किसी एक राजनैतिक दल के साथ मिलकर 150 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। इस पर दो तीन दिनों में निर्णय लिया जाएगा। अखिलेश सरकार के कार्यकाल पर बोली, ‘सूबे में लॉ एंड आर्डर बिगड़ा है। पर कहीं न कहीं थोड़ विकास भी दिखता है। पर इस सरकार को विफल ही मानेंगे।’
उन्होंने कहा कि आरएसएस ने भारत रत्न संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर को भी झूठा साबित करते हुए आरक्षण समाप्त करने की बात कही गई है। ऐसा कहीं भी सबूत नहीं मिलता। डा. अंबेडकर ने कहा था जब तक सामाजिक गैर बराबरी समाप्त नहीं होती, और शिक्षा में समान भागीदारी नहीं होती। जब तक आर्थिक विपन्नता समाप्त नहीं होगी, तब तक आरक्षण खत्म नहीं किया जा सकता है।

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पलवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने त्रिस्तरीय फार्मूले का विरोध कर पिछड़ों और दलितों के बच्चों के विकास में बाधा पहंचाने का कार्य किया। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी त्रिस्तरीय आरक्षण का विरोध किया था। त्रिस्तरीय फार्मूले से उत्तर प्रदेश का कोटा पूरा किया जा सकता था। पिछड़ों और दलितों की प्रशासन में अच्छी भागीदारी होती। आरक्षण लागू होने के 25 साल व्यतीत होने के बाद भी पिछड़ों एवं दलितों का आरक्षण कोटा बाकी है। अभी हाल ही में केन्द्र सरकार ने क्रिमीलेयर का नया फार्मूला लागू कर पिछड़े समाज के 314 अभ्यर्थियों आईएएस बनने से वंचित कर दिया गया। केन्द्र सरकार की मंशा साफ जाहिर होती है कि वह दलित एवं पिछड़ा विरोधी है।

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