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कतर सीमा को परमाणु कचरे के डंपिंग ग्राउन्ड में बदलेंगे सऊदी अरब व संयुक्त अरब अमीरात

रियाद (ईएमएस)। सऊदी अरब कतर से लगी अपनी सीमा पर एक नहर खोदने की योजना पर विचार कर रहा है। नहर खोदे जाने से तीन तरफ से समुद्र से घिरा कतर एक टापू में तब्दील हो जाएगा और उसकी सीमा ‘सैन्य क्षेत्र और परमाणु कचरे के लिए डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो जाएगी। हालांकि इस योजना में अभी कई बाधाएं भी हैं, जिसकी वजह से इस प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं मिली है।

अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह प्रस्ताव, दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में, और जटिलताएं पैदा करने वाला वाला साबित होगा। इससे पहले जून 2017 में सऊदी अरब के नेतृत्व में कई देशों ने कतर से अपने राजनयिक संबंध खत्म कर दिए थे। इन देशों में सऊदी अरब के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन आदि शामिल थे। इन चारों देशों ने कतर पर आतंकियों को धन उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि कतर इस्लामिक विद्रोहियों को मदद दे रहा है और ईरान के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है। हालांकि, कतर ने इन आरोपों को खारिज किया था और अपनी संप्रभुता के खिलाफ करार दिया था।

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कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से इस मसले पर चर्चा की। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात भी कतर से सटती सीमा के पास ही न्यूक्लियर वेस्ट साइट बनाना चाहता है। कुछ दिन पहले मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस नहर परियोजना को पूरा होने में 12 महीने लगेंगे और इससे कतर एक टापू में बदल जाएगा। इस तथाकथित सलवा मरीन कैनाल प्रॉजेक्ट को बनाने के लिए सऊदी और अमीरात के निवेशक निवेश करेंगे और इसे खोदने का काम मिस्र की कंपनियों को दिया जाएगा।

इस रिपोर्ट में बताया गया कि नहर पूरी तरह से कतर की सीमा से सटी होगी। इस नहर को बनाने में करीब 2.8 अरब रियाल यानी 48.46 अरब रुपए खर्च होंगे। नहर 200 मीटर (656 फीट) चौड़ी और 20 मीटर (66 फीट) गहरी होगी। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अनवर गर्गश पहले ऐसे उच्च पदस्थ अधिकारी हैंस जिन्होंने इस नहर परियोजना के प्रस्ताव पर टिप्पणी की है। कई सारे ट्वीट्स में अनवर ने कहा कि यह प्रोजेक्ट इस बात का सबूत है कि कतर संकट को सुलझाने में असफल रहा। हालांकि, कतर की सरकार ने अब तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। चारों देशों ने कतर के ऊपर वास्तविक रूप से जून से ही रोक लगा रखी है। सऊदी अरब ने कतर की एकमात्र लैंड क्रॉसिंग को सील कर दिया है। इसी रूट से कतर में खाने-पीने और निर्माण के सामान का आयात होता था। चारों देशों ने कतर के नागरिकों को भी अपने देशों से निकाल दिया और अपने नागरिकों को भी कतर से बुला लिया था। अपने आसमान में उन्होंने कतर के हवाई जहाज़ों को उड़ने पर भी रोक लगा दी थी।

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