उत्तर प्रदेशखबरेराज्य

कहीं नम्बरों के लिए तो कहीं कोर्स पूरा करने के लिए कोचिंग पढ़ने को मजबूर बच्चे

Uttar Pradesh.अमेठी, 06 अप्रैल= मजबूरी है या जरूरी, बच्चों के भविष्य के लिए कोचिंग इसका फर्क अभिवावक नहीं कर पा रहे हैं। योगी सरकार में कोचिंग के नाम पर अभिवावकों का शोषण रूकेगा या नहीं कह पाना थोड़ा मुश्किल है। परंतु आज बच्चों को कोचिंग भेजना अभिभावकों की मजबूरी है, क्योंकि प्रश्न बच्चों के भविष्य को लेकर है। इसका कारण विद्यालय में बच्चों का कोर्स साल के अंत तक पूरा नहीं हो पाता है। शिक्षक विद्यालय के बजाय कोचिंग में पढ़ाने में ज्यादा व्यस्त रहते हैं। जहां बच्चे दूर दराज कोचिंग पढ़ने जाने को विवश हैं।

वहीं अभिभावको को भी अपने बच्चे की शाम होते ही चिंता सताने लगती है, क्योंकि बढ़ते अपराध को देखते हुये हर अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिये दूर दराज नहीं भेजना चाहते लेकिन वह भी शायद मजबूर हैं। सूत्रों की मानें तो इन दिनों सीवीएससी वोर्ड से संचालित हो रहे विद्यालय के अध्यापक भी इस खेल मे शामिल हो गये है। इनकी घिनौनी करतूत की लिस्ट बड़ी है। सूत्र बताते है कि उक्त उध्यापक अपने विद्यालय के बच्चों को प्रलोभन इस बात का देते हैं कि अगर आप हमसे कोंचिग पढ़ोगे तो हम आप को अच्छे नम्बरों से पास कर देगें।

पंचायत घर पर ग्राम प्रधान का कब्जा, नहीं मिल रहा ग्रामीणों को लाभ

एक सर्वे के दौरान चौकाने वाले तथ्य निकलकर सामने आये। मुंशीगंज मे सीवीएससी बोर्ड द्वारा संचालित एचएएल कोरवा व बीएचएल स्कूल सहित कई स्कूलों में इन दिनों कुछ ऐसे ही चल रहा है। यहां पर बच्चों को कोचिंग के नाम पर अच्छे अंक दिलवाने की बात कही जाती है। अमूमन यही हाल डिग्री कॉलेजों का भी है। बीएससी, एमएससी कॉलेजों में पढ़ाई कालेज के बजाय कोचिंग सेंटर में होती है। विषय के अध्यापक विद्यालय में न पढ़ा के कोचिंग सेंटर में व्यस्त रहते हैं। अमेठी स्थित शिव प्रताप इंटर कालेज में तो अध्यापकों द्वारा बाकायदा विद्यालय में ही कोचिंग सेंटर चलाया जाता है। जिसके लिए बच्चों से स्कूल फीस के साथ ही कोचिंग फीस भी जमा कराई जाती है। यही नहीं इसके बाद विषय अध्यापक अपने-अपने निवास अथवा कोचिंग सेंटरों पर भी कोचिंग चलाते हैं।

सुबह से लेकर देर शाम तक कोचिंग का खेल इसलिए भी चलता रहता है कि बच्चों को प्रैटिक्ल के नम्बरों में इजाफा कर देने का प्रलोभन जुड़ा रहता है। इस सम्बंध मे जब जिला विद्यालय निरीक्षक से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मामले की जाचं करायी जायेगी, अगर ऐसे हो रहा है तो सम्बंधित स्कूल के साथ-साथ अध्यापक पर भी कार्यवाही होगी। हालांकि अगर इस खेल को बंद नहीं कराया गया तो छात्रों के सुनहरे भविष्य को संवारा नहीं जा सकता।

Related Articles

Back to top button
Close