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चारा घोटाला : दुमका मामले में लालू प्रसाद को 14 साल की सजा , इतना भरना होगा जुर्माना

रांची, सुप्रिया सिंह

रांची । चारा घोटाले से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव को 14 साल की सजा सुनाई। उन पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया। सीबीआई के वकील ने शनिवार को आए इस फैसले के बारे में बताया कि कोर्ट ने लालू को आईपीसी और करप्शन एक्ट के तहत 7-7 की सजा सुनाई है, जो अलग-अलग चलेंगी। लालू की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई, क्योंकि वे अस्पताल में भर्ती हैं।  मतलब साफ है कि लालू प्रसाद को फिलहाल कहीं से भी राहत मिलती नहीं दिख रही है.

क्या है दुमका ट्रेजरी केस?

जानकारी के मुताबिक, RJD चीफ लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 96 फर्जी वाउचर के जरिए साल 1995-1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से 3 करोड़ 13 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले. इन पैसों को जानवरों के खाने-पीने का सामान, दवाईयां और एग्रीकल्चर इक्यूपमेंट्स के नाम पर निकाला गया. उस दौरान इस दुमका ट्रेजरी से सिर्फ 1 लाख 50 हजार रुपए तक ही निकाले जा सकते थे. ये सब तब हुआ जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और इस केस में लालू के अलावा पूर्व सांसद आरके राणा, जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

लालू को चाईबासा ट्रेजरी, 5 साल की सजा

लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में 24 जनवरी को सजा सुनाई गई थी. उनको 5 साल कैद और 5 लाख रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में फर्जी तरीके से 35 करोड़ 62 लाख रुपए निकाले गए थे. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था और 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का नाम शामिल है. सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे हुए आरोपियों में से दो सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जबकि तीन आरोपी दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेष प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गए थे

देवघर ट्रेजरी, साढ़े 3 साल की सजा

चारा घोटाले के देवघर ट्रेजरी केस में रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 23 दिसंबर को फैसला सुनाया था. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था. कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने फैसला देते हुए 6 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था. जबकि लालू प्रसाद यादव की सजा का एलान 6 जनवरी को किया गया. कोर्ट ने लालू को साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है. 16 दोषियों में से 10 को कोर्ट ने साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि 6 दोषियों को 7 साल की कैद और 10 लाख का जुर्माने की सजा सुनाई थी। बता दें कि देवघर ट्रेजरी से 89 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले गए थे.

चाईबासा ट्रेजरी, 5 साल की सजा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पहली बार चाईबासा ट्रेजरी केस से ही जुड़े एक अन्य मामले में 5 साल की सजा हो चुकी है. 3 अक्टूबर 2013 को रांची के सीबीआई जज प्रवास कुमार सिंह ने चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ 7 लाख की अवैध निकासी के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी और साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था. इसी मामले में लालू के अलावा डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को भी 4 साल कैद और 21 लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही लालू पर 11 साल तक चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया गया था. फिलहाल इस मामले में लालू जमानत पर रिहा हैं.

जिन 12 आरोपियों को बरी किया गया है उनमें डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री, बेक जूलियस, तत्कालीन सचिव, बेनू झा, प्रोपराइटर लक्ष्मी इंटरप्राइजेट, लाल मोहन प्रसाद, प्रोपराइटर आरके एजेंसी, एमसी सुवर्णों, तत्कालीन डिविजनल कमिश्नर, महेश प्रसाद, तत्कालीन सचिव, ध्रुव भगत, तत्कालीन अध्यक्ष, लोक लेखा समिति, डॉ. आरके राणा, पूर्व सांसद , जगदीश शर्मा, तत्कालीन अध्यक्ष लोक लेखा समिति, विद्यासागर निषाद, पूर्व मंत्री, अधीप चंद्र चौधरी, कमिश्नर आइटी, सरस्वती चंद्रा, प्रोपराइटर, एसआर इंटरप्राइजेज हैं।

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