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टाटा और एयरसेल ने निवेशकों से की अपील

मुंबई, 18 दिसंबर (हि.स.)। टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी में शुमार टाटा टेली सर्विसेस और एयरसेल ने निवेशकों से आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है। टाटा टेलीसर्विसेज भारतीय कर्जदाताओं व निवेशकों से अपनी परिपक्वता अवधि से पहले अपने कर्ज चुकाने के लिए बातचीत कर रही है ताकि वह अपनी वित्तीय लागत में कटौती करे और नुकसान में चल रही वायरलेस टेलीफोन कारोबार को बंद कर दे। कंपनी बोर्ड 20 दिसंबर को लगभग 625 करोड़ रुपए के अपने गैर-परिवर्तनीय बॉन्ड को चुकाने के लिए बैठक आयोजित कर इस पर निर्णय ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक, टाटा टेली सर्विसेज को अपनी होल्डिंग कंपनी, टाटा संस से 30,000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। दूसरी ओर मलेशिया की मैक्सिस बीएचडी को भी घाटे से उबारने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

निवेशक इस कंपनी में निवेश करने के लिए समीक्षा कर रहे हैं। बता दें कि एयरसेल ने पिछले 10 साल के दौरान भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में लगभग 7 अरब डॉलर का निवेश किया है। लेकिन इसके बावजूद कंपनी घाटे से उबर नहीं पा रही। सूत्रों के अनुसार, जियो के लांच होने के बाद से टेलीकॉम इंडस्ट्री की आर्थिक हालत पतली हो चुकी है। रिलायंस, टाटा जैसी कई कंपनियों पर कर्ज चुकाने का भारी दबाव है।

इसी में मैक्सिस को रिवाइव करने की कोशिश भी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, मैक्सिस भारतीय बिजनेस में 50 करोड़ डॉलर से 1 अरब डॉलर तक का निवेश कर सकती है। निवेश की यह रकम कंपनी के फाइनल डेट रिजोल्यूशन प्लान पर निर्भर करेगी। इस रकम का उपयोग टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारने व फिर से खरीदी के लिए किया जा सकता है। एयरसेल को कर्ज देने वाले बैंक 15,500 करोड़ के लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्लान की भी समीक्षा कर रहे हैं। हालांकि कंपनी ने फिलहाल 13,000 करोड़ के कर्ज का भुगतान कर दिया है। बता दें कि आर्थिक घाटे से बचने के लिए एयरसेल ने अपना 4-जी स्पेक्ट्रम भारती एयरटेल को बेच दिया था। हालांकि रिलायंस कम्यूनिकेशंस के साथ मर्जर की बात भी चली थी। लेकिन यह डील कानूनी अड़चनों के कारण पूरी नहीं हो सकी। एयरसेल और एयरटेल के बीच नेटवर्क शेयरिंग डील या इंट्रा-सर्कल रोमिंग डील की बातचीत फिलहाल चल रही है। इसके तहत कंपनी स्ट्रैटिजिक डेट रिस्ट्रक्चरिंग (एसडीआर) के तहत लोन रिस्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन पर भी विचार कर रही है। 

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