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डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों का बुरा हाल , प्रशासन सतर्क

Maharashtra.मुंबई, 20 मार्च (हि.स.)। डॉक्टरों की राज्यव्यापी हड़ताल से यहां सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों का बुरा हाल हो गया है। मुंबई के महापौर इस मामले में सतर्क हो कर हड़ताली डॉक्टरों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। केईएम अस्पताल के डीन डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि मरीजों को तकलीफ न हो, इसे देखते हुए प्रशासन सतर्क हैं और अत्यावश्यक मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार को सायन अस्पताल में मरीज के रिश्तेदारों ने निवासी डॉक्टर पर हमला कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन रविवार को ही देर रात इस मामले के सभी आरोपियों को पुलिस ने छोड़ दिया , जिससे डॉक्टरों ने देर रात से ही मासबंक आंदोलन शुरू कर दिया है। यह आंदोलन मुंबई सहित राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में चलाया जा रहा है और आंदोलन में तकरीबन साढ़े चार हजार डॉक्टर शामिल हैं। सायन अस्पताल के डीन डा. सुलताना मर्चेंट ने बताया कि रविवार को डा. रोहित को मरीज के रिश्तेदारों ने मारा पीटा है ,जिससे डॉ नाराज होकर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन डॉक्टरों को सुरक्षा दिए जाने का हर संभव प्रयास कर रहा है। यहां भी अतिआवश्यक मरीजों की देखभाल की जा रही है। हालांकि सायन अस्पताल में सभी डॉकटरों ने अस्पताल का गेट ही बंद कर दिया है और मरीजों की दुर्दशा हो रही है। औरंगाबाद में रविवार को रात में घाटी सिविल अस्पताल में डॉ. उमेश काकड़े व डॉ. विवेक वडगे के साथ मारपीट की गई है। इसका निषेध करते हुए डॉ.कामबंद आंदोलन कर रहे हैं। इसी तरह पुणे में डॉक्टरों ने कामबंद आंदोलन जारी रखा है। इसी बीच मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में एक मुंबई वासी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का प्रयास किया है, लेकिन इसका ब्योरा अभी तक नहीं मिल सका है।

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