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तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के लिए पेंशन की होगी व्यवस्था: डॉ. हिमंत

गुवाहाटी, 04 मई (हि.स.)। असम के शिक्षा, स्वास्थ्य व वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि राज्य की तीन तलाक की पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के लिए राज्य सरकार पेंशन की व्यवस्था करेगी। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में तीन तलाक का मुद्दा काफी गर्माया हुआ है। इसको लेकर असम में भी चर्चा हो रही है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए यह कदम उठाया है।

असम सचिवालय जनता भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने कहा कि असम सरकार नई जनसंख्या नीति लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में जनसंख्या का ढांचा तेजी से बदल गया है। मुख्य रूप से मोरीगांव, ग्वालपाड़ा, दरंग, नगांव, करीमगंज, बरपेटा, हैलाकांदी, बंगाईगांव, कछार और कामरूप जिलों में नई जनसंख्या नीति को लागू कराने के लिए विशेष कदम उठाने की मंत्री ने बात कही। उन्होंने कहा कि नई जनसंख्या नीति विधायक और सांसदों पर भी लागू होगी।

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साथ ही कहा कि अगर दो बच्चियां किसी महिला की हैं तो उसका पति महिला को प्रताड़ित नहीं कर सकता है, इसके सरकार नया कानून बनाने जा रही है। वहीं विधवा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सरकार विशेष प्रबंध करने जा रही है। इसी कड़ी में विधवा महिलाओं को पेंशन की व्यवस्था की जाएगी, जबकि तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के लिए भी पेंशन की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सबलीकरण को लेकर सरकार विशेष कदम उठाने जा रही है। इसी कड़ी में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण का प्रावधान भी नई जनसंख्या नीति में समाहित होगा। डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने इस मौके पर सरकार की अन्य कई योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

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