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नवाज शरीफ को नहीं मिली राहत, याचिका खारिज

इस्‍लामाबाद, 08 नवम्बर (हि.स.)। पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। जवाबदेही अदालत ने बुधवार को पनामा पेपर्स से जुड़े भ्रष्‍टाचार के तीन मामलों को एक साथ मिलाने की उनकी याचिका भी खारिज कर दी। 

समाचार पत्र डॉन के अनुसार, इस फैसले के बाद भ्रष्‍टाचार के हर एक मामले में 67 वर्षीय शरीफ को अब तीन अलग-अलग मुकदमों का सामना करना पड़ेगा, जिनकी सुनवाई कई महीनों तक चलेगी।

हालांकि शरीफ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया और कहा कि उन्‍हें निष्‍पक्ष सुनवाई से वंचित रखा जा रहा है, क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छह महीने में मुकदमे पर फैसला करने की जल्दबाजी में है।

शरीफ की याचिका खारिज करते हुए जवाबदेही अदालत के जज मोहम्‍मद बशीर ने कहा कि शरीफ को कानून के तहत निष्‍पक्ष न्‍याय मिलेगा। इसके बाद उन्‍होंने 15 नवंबर तक सुनवाई स्‍थगित कर दी।

विदित हो कि शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्‍मद सफदर भी सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे। दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद जवाबदेही अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए अदालत परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

अदालत परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शरीफ ने कहा कि अदालत का यह फैसला पाकिस्‍तान के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्‍होंने कहा, “ मुझे पता है कि पुनर्विचार याचिका का फैसला मेरे पक्ष में नहीं होगा, क्‍योंकि जज जिन्‍होंने पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाया है वे प्रतिशोध से भरे हुए हैं और फैसले से भी प्रतिशोध व गुस्‍सा साफ झलक रहा है। यह इतिहास के काले पृष्‍ठों का हिस्‍सा होगा।”

उल्लेखनीय है कि राष्‍ट्रीय जवाबदेही ब्‍यूरो (नैब) ने शरीफ, उनके परिवारिक सदस्‍यों और वित्‍त मंत्री इशाक दार के खिलाफ इस्‍लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत में भ्रष्‍टाचार व धन शोधन के तीन मामले दर्ज कराए हैं। पनामा पेपर्स मामले में 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरीफ को अयोग्‍य घोषित किए जाने के बाद ये मामले दर्ज किए गए।

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