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निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पक्ष-विपक्ष ने किया स्वागत

नई दिल्ली, 24 अगस्त : कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सर्वोच्च न्यायालय ने निजता के अधिकार के फैसले का स्वागत किया है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने निजता के अधिकार पर बड़ा फैसला दिया है। 9 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार देते हुए ये फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद देश के किसी भी नागरिक की निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकेगी। 

कांग्रेस ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार देने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब मोदी सरकार लोगों के घरों में झांकने से बाज आएगी।

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागित किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि निजता एक मौलिक अधिकार है। जो आजादी हमें 1947 में मिली थी, वो इस फैसले से और भी वृहद हुई है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने फैसले को आजादी की बड़ी जीत बताया है।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा मिलने से मोदी सरकार अब लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक नहीं कर सकेगी।

उन्होंने ट्वीट किया सर्वोच्च न्यायालय ने निजता को मूल अधिकार करार दिया है। उम्मीद है कि यह आदेश मोदी सरकार को मेरे किचन और बेडरूम में झांकने और निजी स्तर पर होने वाली बातचीत को टेप करने से रोकेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों की श्रेणी में आता है।

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह उन सभी वकीलों, कार्यकर्ताओं और अन्य़ को बधाई देते हैं, जिन्होंने इसके लिए लड़ा। उन्होंने इसे एक दूरगामी फैसला बताया। कहा कि दिन-ब-दिन हमारी जिंदगी में तकनीक की भूमिका बढ़ती जा रही है। विदेशी तकनीकी कंपनियों द्वारा डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में फैसले से हमारे अधिकारों को सुरक्षित रखने का मार्ग प्रशस्त होगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को इस निर्णय के लिए शुक्रिया।

इस मामले में याचिकाकर्ता और जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने भी फैसले को सरकार के लिए बड़ा झटका बताया है। न्यायालय से बाहर आकर उन्होंने बताया कि अदालत ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है और कहा है कि ये अनुच्छेद 21 के तहत आता है। गौरतलब है कि मामले में चल रहे बहस के बाद कोर्ट ने गत दो अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब पांच न्यायाधीशों की पीठ आधार की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

दूसरी ओर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से राज्यसभा सांसद नेता सुब्रमणयम स्वामी ने भी इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट किया कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। अब आधार पर फैसले का इंतजार है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई झटका नहीं है| पहले वाले अटॉर्नी जनरल ने उल्टा बोला था बाद में सरकार ने इसे मौलिक अधिकार माना था। सरकार इसके पक्ष में थी। इस फैसले से कांग्रेस की नाक कटी है, हमारी जीत हुई है। उन्होंने कहा कि अब आधार कार्ड का उपयोग सीमित हो जाएगा।

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