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बहनों ने अमन मणि को दिलाई जित .

Uttar Pradesh.गोरखपुर, 11 मार्च (हि.स.)। पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बेटियों के आंसू की सुनामी ने मोदी वेब को बेअसर कर दिया। इनकी भावनाओं में जनता ऐसी बही कि चार सीट पर विजय पताका फहराने वाली भाजपा की नौतनवां सीट पऱ एक नहीं चली। बीजेपी की सुनामी व जबरदस्त विपरीत परिस्थितियों के बाद भी जेल में बंद भाई को निर्दल ही चुनाव जितवाने में बेटियां तनुश्री और अलंकृता सफल रहीं। यहां भाजपा की दुर्गति हुई और दूसरे नंबर के कांग्रेस से भी पीछे रहते हुए तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा।

सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के पुत्र अमन मणि निर्दल चुनाव नौतनवां से जीत गए है। उन्होंने अपने परिवार के राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी निवर्तमान विधायक कौशल किशोर सिंह को मात दी है। पिछली बार अमन को मुन्ना सिंह ने हरा दिया था। इस हार के बाद से ही अमन के साथ साथ त्रिपाठी परिवार की राजनीतिक ज़मीन खिसकने लगी थी। परिस्थितियां प्रतिकूल और भी हो गई थीं जब अमन अपनी पत्नी सारा की मौत के मामले में फंस गए। अमन की सास ने अधिकारियो से लेकर राजनितिक गलियारे में अपनी बेटी के न्याय खातिर गुहार लगाने लगी। राजनैतिक विरोधियों को एक मुद्दा मिल गया। टिकट देने के बाद से समाजवादी पार्टी ने अमन मणि से किनारा कर लिया और प्रत्याशी उनके धुर विरोधी कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह को बना दिया।

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उधर, सीबीआई भी अमन पर शिकंजा कसती जा रही थी। पूछताछ और फिर गिरफ़्तारी। अमन चुनाव के पहले ही गिरफ्तार हो गए। माता-पिता दोनों पहले से ही जेल में थे। राजनैतिक दुश्मन होली-दिवाली मनाने लगे। अमन के दादा पूर्व मंत्री श्याम नारायण तिवारी या चाचा अजीत मणि किसी को कुछ विशेष नहीं सूझ रहा था। अमन मणि निर्दल मैदान में जाएंगे ये तो तय था लेकिन जीत का रास्ता कैसे तय होगा यह कुछ तय नहीं था। इसी बीच अमन की बहनों तनुश्री व अलंकृता ने मोर्चा संभालने का फैसला किया और ढाल की तरह पूरा परिवार खड़ा हो गया। तनुश्री और अलंकृता के साथ अमर मणि के दोनों भाइयों के बेटे अनय मणि व अनंत मणि भी आये। ये चारों बाहर रह कर पढाई किये हैं।

नुक्कड़ सभाएं हुईं, जनसंपर्क हुआ। दोनों बेटियों ने जोरदार ढंग से जनता में अपनी बात रखी। आलम यह कि सामान्य नुक्कड़ सभाओं में भी अच्छी खासी भीड़ आने लगी। लोगों में अमन के प्रति सहानुभूति जगने लगी। बेटियां अपने पिता अमर मणि के काम को याद दिलाती, अपने विरोधियों की साज़िश ले बारे में बात करती। आलम यह हुआ कि बीजेपी की लहर को अनसुनी कर जनता ने अपने नेता अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि पर भरोसा किया यह भारी वोटों से जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

अमन को 79512 वोट मिले हैं तो बीजेपी के समीर त्रिपाठी को 44984 तथा विधायक व गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी कौशल किशोर उर्फ़ मुन्ना सिंह को 47188 मत मिले हैं। ये पूर्व सपा सांसद कुंवर अखिलेश सिंह के छोटे भाई हैं।

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