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बारिश के लिए गंगा में खड़े होकर शहनाई वादन

भगवान इंद्र को रिझाने के लिए मेघ मल्हार की तान छेड़ी

वाराणसी, 21 जून (हि.स.)। धर्म नगरी वाराणसी में चमड़ी झुलसा देने वाली चिलचिलाती धूप और उमस से निजात पाने और बारिश के लिए लोग तरह-तरह से जुगत और टोटका आजमाने लगे हैं। गुरुवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नौबतखाने में शहनाई बजाने वाले कलाकार महेन्द्र प्रसन्ना ने तुलसीघाट पर गंगा में खड़े होकर शहनाई बजाकर भगवान इन्द्र को रिझाने का भरपूर प्रयास किया। 

इस दौरान महेन्द्र ने मंगलध्वनि से मेघों को को रिझाने के लिए तान भरी फिर राग मेघ मल्हार बजाकर भगवान इंद्र को प्रसन्न कर धरती को बारिश से भिगोने की प्रार्थना की। इस दौरान महेन्द्र ने बताया कि संगीत साधक सच्चे मन से संगीत के धुन से बारिश ही नहीं बुझे दीपक को भी जला सकते हैं, इतिहास इसका गवाह है। इसलिए हम कलाकारों सनातनी परम्परा के अनुसार संगीत साधना के माध्यम से इंद्र देव को खुश करने की कोशिश की । ताकि बारिश हो और लोगों को गर्मी से राहत मिल सके। बताते चले मानसून के आने में हो रही देरी से तपन और उमस से लोग बेहाल है। मौसम का तेवर देख धान की नर्सरी डालने की तैयारी में जुटे किसान भी परेशान हैं।

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