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बड़ों से ही होता है बच्चों को संक्रमण | एक्सपर्ट्स ने बताया तीसरी लहर से कैसे निपटे

मुंबई. राज्य में कोरोना की दूसरी लहर अभी शांत नहीं हुई है कि एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर आने की संभावना जताई है. चिंता जनक बात यह है कि तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण अधिक होने का अंदेशा जताया जा रहा है. ऐसे में नवभारत ने मुंबई के कुछ एक्सपर्ट्स से बात की जो कोविड से ग्रसित बच्चों का ट्रीटमेंट कर रहे हैं. सभी एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि बच्चों में संक्रमण बड़ो द्वारा ही दिया जाता है. ऐसे में बड़ों को खासा ध्यान देने की आवश्यकता है.

महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी तबाही मचाई है. इस लहर में वयस्कों के साथ-साथ बच्चे भी वायरस की चपेट में आए हैं.पिछले दो महीनों में सबसे अधिक 75000 बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. जबकि राज्य में 0 से 10 साल के अबतक 1 लाख 49 हजार बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं. एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर में बच्चों पर कोरोना की गाज गिरने की बात कही है इस पर केईएम अस्पताल के बालरोग विभाग के प्रमुख डॉ. मुकेश अग्रवाल ने कहा कि यह केवल अंदेशा जताया जा रहा है. किसी को यह नहीं मालूम की तीसरी लहर में वायरस किस उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करेगा. मेरे अनुभव की बात करें तो पहली लहर और दूसरी लहर में उतने ही बच्चे संक्रमित मिले हैं. इस बार संख्या इसलिए ज्यादा लग रही है क्योंकि इस बार कुल संक्रमितों की संख्या भी ज्यादा है. आख़िरकर कामकाज के लिए बाहर निकलने वाले घर के बड़ों के कारण ही बच्चों में संक्रमण फैलता है. इसलिए बड़ों को ही खासा ध्यान रखना चाहिए. बच्चों से दूरी बनाए, लक्षण आने पर टेस्ट करवाएं, बड़ों को घर पर भी मास्क पहनना चाहिए खास कर उन लोगों को जो बाहर जाते हैं.

बुजुर्गों से दूर रखें

घर में यदि किसी बच्चे की तबियत खराब है तो उसे घर में बुजुर्गों से दूर रखें. बच्चों को कोरोना से ज्यादा तकलीफ नहीं होती है, लेकिन उनसे यदि बुजुर्गों में संक्रमण हो जाता है तो दिक्कत बढ़ सकती है.

पौष्टिक आहार सबसे बेस्ट

अभिभावकों को डरने नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. कोविड नियमों का पालन करें. बच्चों की इम्युनिटी बनाए रखने के लिए सबसे बेस्ट है पौष्टिक आहार. सब्जी, फल, दूध में हल्दी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेस्ट है. बच्चों को भी मास्क और सेनिताइजेशन के उपयोग की आदत बच्चों को दिलाए. वायरल फीवर और करोना जैसे बीमारी के लक्षण एक जैसे है ऐसे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें. बच्चे सामान्य दवाइयों से ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन डॉक्टर से परामर्श अनिवार्य है.

डॉ. विवस्वान पारेख
बाल रोग विशेषज्ञ, बकुल पारेख चिल्ड्रेन्स अस्पताल

बच्चों में कोविड के लक्षण

बच्चों में आमतौर पर सर्दी,जुखाम, बुखार, दस्त और उल्टी जैसे लक्षण होते हैं. वैसे तो बच्चों की तबियत रूटीन इलाज से ठीक हो जाती है महज कुछ लोगों को ही एडमिट करने की आवश्यकता पड़ती है. कुछ बच्चों के अंदुरनी अंगों में सूजन की समस्या भी होती जो कि घातक होती है. समय पर जांच और इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है.

डॉ. हीरेन दोषी
वरिष्ठ कंसल्टेंट पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट, नानावटी मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

क्या करना है

* फिलहाल बच्चों को बाहर न जाने दें.
* यदि खेलने के लिए बाहर निकल रहे हैं तो मास्क पहनने
* हाथ सैनिताइज करें
* पार्क व अन्य भीड़ वालों जगहों पर न जाए.
* अभिभावक घर पर भी मास्क पहने.
* घर में किसी को कोविड है तो बच्चों से दूर रहें
* यदि स्तनपान करा रही मां को कोविड है तो वो मास्क पहन कर और हाथ सैनिताइज कर बच्चे को स्तनपान करा सकती है.

0 से 20 उम्र के इतने प्रभावित

कोरोना के तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का खतरा अधिक होने की बात कही जा रही है. राज्य में फिलहाल 0 से 20 वर्ष के 487,621 बच्चे और युवा वायरस से संक्रमित मिले हैं

केवल 5 प्रतिशत को एडमिशन की जरूरत

अभिभावक घबराए नहीं. पहली और दूसरी लहर में कुल मामलों का 10 प्रतिशत बच्चे हैं, इसमें से भी केवल 4 से 5 प्रतिशत बच्चों को असप्ताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है.

डॉ. मुकेश अग्रवाल
प्रमुख,बालरोग विभाग,केईएम अस्पताल

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