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भावी पीढ़ी के निर्माण में देसंविवि नींव का पत्थर साबित होगा : सर डोमिनिक

हरिद्वार, 18 अगस्त : भारत में ब्रिटिश के उच्चायुक्त डोमिनिक एस्क्विथ सपत्नीक शुक्रवार को अपने निजी दौरे में देवभूमि उत्तराखंड स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचे। सर डोमिनिक एवं उनकी पत्नी लुईस के प्रथम बार देवसंस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचने पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने उनका भव्य स्वागत किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय स्थित मृत्युंजय सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने विश्वविद्यालय और शांतिकुंज परिवार की ओर से मन्त्र दुपट्टा एवं परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य भेंटकर उनका सम्मान किया और विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी देते हुए कहा, हम विद्यार्थियों में आत्मनिर्माण से समाज निर्माण तक के विकास की भावना जगाने का प्रयास करते हैं। 

इस अवसर पर डोमिनिक ने देवभूमि उत्तराखण्ड के साथ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय की अपनी यात्रा को ऐतिहासिक बताया। शिक्षण और संस्कृति के लिए किये जा रहे कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा वर्तमान युग में शिक्षण के साथ उच्च आदर्शों को विद्यार्थियों में प्रतिस्थापित करने वाला यह विवि अपने आपमें अनोखा है। निश्चय ही भावी पीढ़ी के निर्माण में यह विवि नींव का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय का वातावरण सच में स्वर्ग सा है। उन्होंने डॉ. चिन्मय के आमन्त्रण को स्वीकार करते हुए पुनः आने का आश्वासन दिया। साथ ही सर डोमिनिक ने गायत्री परिवार प्रमुख एवं देवसंस्कृति के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या का विशेष आभार व्यक्त किया।

डॉ. चिन्मय ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को लेकर हम परम पूज्य गुरुदेव के युगनिर्माण के लक्ष्य को पूरा करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। विश्वविद्यालय की छोटी सी यात्रा में अब तक अनेक पड़ाव सफतला पूर्वक पार कर चुके हैं। उन्होंने शांतिकुंज द्वारा चलाए जा रहे ‘वृक्षगंगा अभियान’ के बारे में भी जानकारी दी और तरु प्रसाद के रूप में रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर डोमिनिक को पुनः विश्वविद्यालय आने का न्योता दिया।

2016 से भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में कार्यरत सर डोमिनिक केवल 15 मिनट के लिए आये थे, किन्तु देवसंस्कृति विवि का वातावरण देखकर तीन घंटे से अधिक समय रहे और विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जाना।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति शरद पारधी, कुलसचिव सन्दीप कुमार सहित विश्वविद्यालय परिवार, शांतिकुंज व ब्रह्मवर्चस परिवार उपस्थित रहे। 

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