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ममता चली थीं नवीन, चन्द्रशेखर के साथ गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस मोर्चा बनाने, दोनों चले गये भाजपा के साथ

– राज्यसभा उप सभापति चुनाव परिणाम ने कर दिया उजागर

नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.) । तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस मोर्चा बनाने की कवायद को झटका लगा है। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए हुए उपचुनाव ने इसे उजागर कर दिया। क्योंकि ममता जिन बीजद अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और टीआऱएस अध्यक्ष व तेलंगाना के मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर राव के साथ मिलकर गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस मोर्चा बनाने की कवायद कर रही थीं, वे दोनों ही भाजपा-नीत राजग के साथ चले गये। उन दोनों के ही पार्टी के राज्य सभा सांसदों ने, भाजपा से गठबंठन कर बिहार में राज कर रही जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह को यानि राज्यसभा में राजग के उपसभापति पद के प्रत्याशी को वोट दे दिया।

इस बारे में बीजद के एक सांसद का कहना है कि इससे ममता का यह भ्रम टूट जाना चाहिए कि उनके कहने पर विपक्षी दलों में से कई दल उनके साथ मिलकर गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस मोर्चा बना लेंगे। द्रमुक के एक राज्यसभा सांसद का कहना है कि ममता दीदी को लगता है कि अन्य विपक्षी दलों के नेता भी उनकी तरह ही जुझारू हैं और वे भाजपा व उसके सत्ताधारी नेता से डरेंगे नहीं। देंख लीं न, जिनके पास वे गईं थी, जिनसे वह बात की थीं, वे कितना डरे हुए हैं। 

सपा सांसद रवि वर्मा का कहना है कि आज जो हालात है उसमें बहुत कम ही विपक्षी नेता हैं जिनमें खम ठोकर सत्ताधारी पार्टी व उसके नेताओं के विरोध में खड़ा होने की क्षमता है। इसलिए ममता को, सबको अपनी तरह नहीं समझना चाहिए। उ.प्र.कांग्रेस नेता अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि सबको पता है कि टीआरएस किसी भी तरह से भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए बेचैन है और बीजद भी अन्दर-अन्दर भाजपा से मिला हुआ है। ऐसे में विपक्षी दलों को इनसे उम्मीद नहीं करनी चाहिए

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