रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अक्षय कुमार से प्रभावित होकर महिलाओं के लिए किया बड़ा फैसला , अब ……..
नई दिल्ली, 06 मार्च : रेल मंत्री पीयूष गोयल महिलाओं की सेनिटरी पैड की मुश्किल को हल करने पर बनी अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ से खासा प्रभावित हैं। आलम ये है कि वह अब खुद भी रेल मंत्रालय के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को सस्ते दामों पर बायोडिग्रेडेबल सेनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए देशभर में अभियान चलाना चाहते हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक दर्शन की वर्तमान विश्व में प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सेनिटरी पैड के संबंध में अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश की एक भी महिला ऐसी न रहे जिसको इसका लाभ न मिले। उन्होंने इस काम में इकॉनोमी और स्केल लाने का आग्रह करते हुए कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां इसे महंगे दामों पर बेचती हैं यदि हम इसे बड़े स्तर पर देश में बनाएं तो बायोडिग्रेडेबल सेनिटरी पैड लगभग एक या सवा एक रुपये या अधिकतम डेढ़ रुपये में उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अनुमानत: 40 करोड़ महिलाओं को सेनिटरी पैड की जरूरत पड़ती है और 15 करोड़ को अभी उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसे में 25 करोड़ महिलाओं को ये उपलब्ध कराने का हमारा लक्ष्य है। सौ रुपये सालाना में ये सुविधा एक महिला को उपलब्ध हो जाए तो देश के सभी परिवार इसे खरीदने में सक्षम होंगे। यदि परिवार में तीन महिलाएं हैं तो एक दिन का 80-85 पैसे का खर्चा आएगा।
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रेल मंत्री ने कहा कि देशभर में सभी ट्रेनों के कोच में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगेंगे| साथ ही साथ 8 हजार स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा होगी। इन आठ हजार स्टेशनों में जहां यात्रियों की संख्या कम होगी तो वहां आसपास के गांवों के बच्चों, महिलाओं को कंप्यूटर आदि का प्रशिक्षिण दिया जाएगा। इसके अलावा इन स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोलने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि जन औषधि की इन दुकानों पर दवाईयों के साथ-साथ सस्ता बायोडिग्रेडेबल सेनिटरी पैड भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हम आधुनिक सुविधाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचायें, यह हमारी जिम्मेदारी है| इसके लिये हम कृत संकल्पित हैं। गोयल ने कहा कि बायोडिग्रेडेबल सेनिटरी पैड के निर्माण आदि सभी कार्य में रेल मंत्रालय नि:शुल्क मदद करेगा। स्वयं सहायता समूह इन आठ हजार स्टेशनों का बायोडिग्रेडेबल सेनिटरी पैड निर्माण के लिए नि:शुल्क इस्तेमाल कर सकेंगे। स्टेशनों पर छत आदि सुविधाएं होती हैं| ऐसे में सेनिटरी पैड को इाइजीनिक तरीके से बनाया जा सकेगा। (हि.स.)।