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मायावती से चुनाव आयोग ने नोटबन्दी के बाद जमा पैसे का मांगा हिसाब.

लखनऊ, 02 मार्च := विधानसभा चुनाव के माहौल में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनाव आयोग ने उनसे नोटबन्दी के बाद पार्टी के खातों में जमा कराये गए रूपयों का हिसाब मांगा है। 

दरअसल हाल ही में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट और इनकम टैक्स विभाग ने कुछ आंकड़े जारी किए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक बसपा ने नोटबन्दी के दौरान सबसे ज्यादा पुराने नोट जमा कराए थे। कहा जा रहा था कि बसपा ने नोटबन्दी के पचास दिनों के दौरान 104 करोड़ रूपया जमा कराया था।
मायावती नोटबन्दी के फैसले की लगातार मुखालफत कर रही हैं। चुनावी महासमर में वह इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रमुख हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि नोटबन्दी के बाद भारीभरकम धनराशि खातों में जमा करने के बाद वह सुर्खियों में आ गयी थीं।
इसके बाद इस सम्बन्ध में दायर एक याचिका में मायावती पर इन रूपयों को लेकर आरोप लगाये गए थे। इस पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग ने अब बसपा को 15 मार्च तक अपना जवाब देने को कहा है। वहीं मायावती इस मामले में अपने ऊपर लगे विरोधी दलों के आरोपों को खारिज करती आयी हैं। उनके मुताबिक खातों में जमा कराया गया पैसा पूरे देश से इकट्ठा किया गया था। यह पैसा लोगों ने पार्टी को चन्दा दिया है और यह पूरी तरह नियमों के तहत जमा कराया गया है।
मायावती प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी पर 08 नवम्बर को नोटबन्दी के फैसले से पहले भाजपा नेताओं और उनके करीबियों का काला धन सफेद बनाने का आरोप लगाती आयी हैं। वहीं अब उन्हे खुद एक-एक पाई का हिसाब देना होगा, जो नोटबन्दी के बाद खातों में जमा कराये गए हैं। खास बात है कि सूबे में विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आयेंगे, वहीं मायावती को 15 मार्च तक अपना जवाब देना है।(हि.स.)।

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