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औरंगाबाद के नामकरण को लेकर मचा है सियासी घमासान , मनसे हुई आक्रामक बस रोक कर लगाया छत्रपति संभाजीनगर का पाटिया

पालघर: औरंगाबाद के नामकरण को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आक्रामक हो गई है। मंगलवार को सुबह करीब 6 बजे मनसे के पालघर उपशहर अध्यक्ष मिथुन चौधरी, कुणाल कुंटे, निशांत धोत्रे, विभाग अध्यक्ष नयन पाटील, राहुल खारे, धवल आशर, मनविसे शहर अध्यक्ष निखिल पामाळे, शहर सचिव विशाल पवार, उपशहर अध्यक्ष अक्षय कोकणे, सचिन मारकड, शाखा अध्यक्ष साईश नारगोळकर, अमित यादव समेत कुछ कार्यकर्ताओ ने पालघर डिपो से औरंगाबाद के लिए जा रही बस को रोकर उस पर छत्रपति संभाजीनगर का पाटिया लगाकर फीर बस को आगे जाने दिया .

मनसे कार्यकर्ताओ चेतावनी देते हुए कहा की अगर 26 जनवरी तक औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर नहीं रखा जाता है, तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना राज ठाकरे के आदेश के अनुसार पुरे राज्य में तीव्र आंदोलन शुरू करेगी।

औरंगाबाद शहर के नामांतरण को लेकर शिवसेना-भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर है शुरू

औरंगाबाद शहर के नामांतरण को लेकर शिवसेना-भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर थम नहीं रहा है. बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने शिवसेना पर तल्ख टिप्पणी करते हुए  कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना बाल ठाकरे की शिवसेना नहीं है, अब यह औरंगजेबसेना हो गई है. शिवसेना औरंगाबाद मुद्दे पर  दोहरी भूमिका अपना रही है.

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में  उपाध्ये ने कहा कि सत्ता में होने के बावजूद  शिवसेना औरंगाबाद का नाम  संभाजीनगर करने के लिए किसी तरह का प्रयास नहीं कर रही है. जिस तरह औरंगजेब ने उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज को मुलाकात के लिए बुलाया और विश्वासघात कर उन्हें गिरफ्तार किया. उसी तरह का व्यवहार शिवसेना कर रही है. शिवसेना के कथनी और करनी में फर्क है.

1995 में भाजपा-शिवसेना ने महापालिका में औरंगाबाद के नामांतरण प्रस्ताव किया था पेश

भाजपा प्रवक्ता उपाध्ये ने कहा कि भाजपा-शिवसेना ने वर्ष 1995 में महापालिका में औरंगाबाद के नामांतरण का प्रस्ताव पेश किया था. उस समय युति सरकार ने  प्रस्ताव मंजूर भी किया. उसके बाद राज्य में गठित कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी की सरकार ने दो बार अदालत में नामांतर प्रस्ताव रद्द किया. आज उन्ही दोनों पार्टियों के साथ शिवसेना सरकार चला रही है. औरंगाबाद महानगरपालिका की आम सभा में भाजपा नगरसेवकों ने कई बार नाम बदलने का प्रस्ताव दिया.  स्मरण पत्र देने के बावजूद  शिवसेना के महापौर ने उसे नजरअंदाज किया. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि औरंगाबाद के नामांतरण की इच्छाशक्ति शिवसेना में कभी नहीं थी.

सांप्रदायिकता को बढ़ावा न दे उद्धव सरकार ,औरंगाबाद की बजाय बदलें महाराष्ट्र का नाम 

औरंगाबाद के नामांतरण को लेकर शुरू विवाद में समाजवादी पार्टी ने भी एंट्री ले ली है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  एवं विधायक अबु आसिम आजमी ने पुराने शहरों  के नामांतरण का विरोध करते हुए कहा है कि राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार सांप्रदायिकता को बढ़ावा न दे. सभी पुराने शहरों का एक इतिहास है. नाम ही रखना है तो नया शहर बसा कर उसका नाम संभाजी नगर या कुछ और रख दिया जाय.

सपा अध्यक्ष अबु आसिम आजमी ने कहा कि किसी शहर का नाम बदलने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है. बदलना है तो महाराष्ट्र का नाम शिवाजी पर रख दें.रायगढ़ का इतिहास है उसका नाम संभाजी नगर रख दें.औरंगाबाद एवं अहमद नगर का इतिहास अलग है.यह लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. जिस तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने शहरों का नाम बदल कर सांप्रदायिक रंग देने का काम किया है वह काम उद्धव सरकार कदापि न  करे.

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