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कई तेज-तर्रार अफसर कर चुके हैं खुदकुशी , कुछ की मौत अब भी रहस्यमय

नई दिल्ली (ईएमएस)। महाराष्ट्र के एडीजीपी हिमांशु रॉय ने शुक्रवार की दोपहर सरकारी आवास पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। महाराष्ट्र एटीएस के चीफ रह चुके हिमांशु रॉय की छवि एक सुपरकॉप की थी। दाऊद इब्राहिम से लेकर अजमल कसाब तक आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में हिमांशु रॉय ने सफलता के झंडे गाड़े और कई पेचीदा गुत्थियां सुलझाईं। हिमांशु रॉय से पहले भी कई ऐसे तेज-तर्रार अफसर रहे हैं, जिन्होंने खुदकुशी कर ली थी। इनमें से कइयों की मौत आज भी सस्पेंस ही बनी हुई है। तमिलनाडु में आईपीएस अफसर शशि कुमार की भी संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। शशि की खुद उनकी ही सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलने की वजह से मौत हुई थी। गोली उनके सिर में लगी थी। शशि के नौकर के बयान के मुताबिक घटना के समय शशि अपनी सर्विस रिवॉल्वर साफ कर रहे थे। अचानक गोली चली, जो उनके सिर में लगी। शशि की मौके पर ही मौत हो गई थी। शशि आंध्र प्रदेश के एक आदिवासी इलाके में तैनात थे। पुलिस इसे आत्महत्या से जोड़कर भी देख रही थी। वह 2012 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी थे।

2002 बैच के आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा ने 12 मार्च 2012 को सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। उन्होंने जब खुदकुशी की, तब वह बिलासपुर के एसपी पद पर तैनात थे। वह छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील दंतेवाड़ा जिले के भी एसपी रह चुके थे। हालांकि इस दौरान उन पर फर्जी एनकाउंटर के भी आरोप लगे था। मई 2017 वह महीना था, जब देश ने एक नए काबिल आईएएस अफसर को खो दिया था। हम बात कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस अफसर आशीष दहिया की। दिल्ली में आशीष की स्विमिंग पूल में डूबकर संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी।

बताया जाता है कि घटना के समय आशीष दिल्ली में अपने दोस्त अभिमन्यु से मिलने गए थे। जिसके बाद आशीष अभिमन्यु और कुछ दोस्त पूल साइड पार्टी कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, उस समय आशीष एक महिला अफसर को बचाने के लिए स्विमिंग पूल में कूदे थे, जिससे उनकी मौत हो गई। आशीष दहिया की मौत आज भी एक रहस्य है। 17 मई- 2017 को एक आईएएस अधिकारी की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सड़क किनारे बॉडी मिलने से प्रशासनिक अमला सकते में आ गया था। पुलिस ने इसे रहस्‍यमय परिस्थितियों में मौत कहा था। मृतक आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी 2007 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस थे। वह उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, उनकी बॉडी हजरतगंज इलाके में मीरा बाई गेस्‍ट हाउस के पास मिली थी। वह पिछले दो दिनों से वहां ठ‍हरे थे।

तकरीबन दस साल के करियर में अनुराग का 7-8 बार तबादला किया गया था। परिजनों की मानें तो अनुराग कर्नाटक में हुए एक बड़े घोटाले को उजागर करने वाले थे। इसीलिए उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस केस की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। बहरहाल सीबीआई अनुराग तिवारी की मौत के रहस्य को सुलझाने में लगी है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ साल 2016 में एक और दिलेर आईएएस अधिकारी की मौत की गवाह बनी थी। आईएएस अधिकारी संजीव दुबे ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। दुबे उस समय प्रमुख सचिव होमगार्ड के पद पर तैनात थे। उनका शव उनके कमरे में पंखे से लटका मिला था। आत्महत्या की सूचना उनके नौकर ने पुलिस को दी थी। दुबे कई वर्षों से बीमार थे, जिसके कारण वह अवसाद का शिकार हो गए थे। बेदाग छवि के संजीव दुबे की गिनती सूबे के ईमानदार अफसरों में की जाती थी।

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