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करेगाँव में अवैध खनन करते पकड़ाए वाहन, पुलिस ने की कार्रवाई

मण्डला, 06 फरवरी (हि.स.)। इन दिनों रेत माफियाओं का कहर मोहगाँव क्षेत्र में अधिक दिखाई दे रहा है। यहां बुढऩेर सहित अन्य सहायक नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी मशीनों से नदी के अंदर खनन किया जा रहा है। जीव-जन्तु, पर्यावरण ही नहीं नदी की दिशा भी प्रभावित हो गई है। जिसका असर नर्मदा के तटों पर दिखाई देता है। सहायक नदियों का जुड़ाव नर्मदा नदी से है, लेकिन जबरदस्त उत्खनन से जलीय वातावरण प्रभावित हो गया है। 

बीते कई दिनों से इस तरह की चर्चा मोहगाँव जनपद की ग्राम पंचायत करेगाँव से मिल रही थी। यहां बड़ी-बड़ी मशीनों से अवैध खनन किया जा रहा था, जिसकी सूचना सोशल मीडिया में वायरल हुई और पुलिस अधीक्षक ने मामला संज्ञान में लिया और कार्यवाही के निर्देश थाना मोहगाँव को दिये। यहां मंगलवार को आकस्मिक छापे में फौकलेन मशीन, 709 वाहन व दो ट्रैक्टर जप्त किये गये। उक्त फौकलेन मशीन आनंद मोहन राय की है व 709 व एक ट्रैक्टर संदीप जायसवाल व ट्रैक्टर नीरज जायसवाल का बताया जा रहा है। उक्त वाहनों को मोहगाँव पुलिस की अभिरक्षा में खड़ा किया गया है। 

इस पूरे मामले में खास बात यह रही कि पूरी कार्यवाही पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में की गई है। उक्त वाहनस्वामी पर चोरी का मामला दर्ज किया जा रहा है। इस पूरे मामले से खनिज विभाग को पुलिस ने दूर रखा है। इस तरह की जानकारी सूत्रों ने दी है। नदी का मार्ग अवरूद्ध कर अवैध रूप से यहां मार्ग बनाया गया है। इस मार्ग में फौकलेन मशीन खड़ी कर नदी का सीना छलनी कर रेत निकाली जा रही थी, जिसे डिंडौरी, जबलपुर महंगे दामों में बेचा जा रहा था। कार्यवाही से रेत माफियाओं में हलचल देखी गई। अन्य खदान संचालकों ने अपने उपकरण नदी से निकाले और भूमिगत किये। मुख्यालय से लगी पेटेगाँव खदान में भी मशीन का उपयोग किया जा रहा है। यहां बंजर नदी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जबकि अवैध उत्खनन की शिकायतें रोजाना खनिज कार्यालय पहुंच रही है। यहां तक की अखबारों में भी अवैध उत्खनन को लेकर कुछ न कुछ प्रकाशित किया जा रहा है। इसके बावजूद भी अवैध उत्खनन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

जिले में फैली बेशकीमती खनिज सम्पदा पर बाहरी लोगों की नजर पडऩा और उस पर कोई बड़ी कार्यवाही न होना इस बात के संकेत हैं कि जिला प्रशासन की कहीं न कहीं भूमिका है या फिर वे जबरदस्त तरीके से राजनैतिक दबाव में दबे हैं। इन दिनों बड़े-बड़े महानगरों एवं दूसरे जिलों से कई बड़ी कंपनियां व ठेकेदार जिले में सडक़ निर्माण, पुल-पुलिया एवं अन्य निर्माण कार्यों को कर रहे हैं। करोड़ों के ठेके मिलने के बाद उक्त कंपनी के संचालक अवैध उत्खनन कर राजस्व की चोरी कर रहे हैं। विशेषकर गिट्टी, मुर्रम व मिट्टी का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों की मिलीभगत से यह खेल पूरे शवाब में चल रहा है न कोई अनुमति और ना ही कोई रॉयल्टी बुक महज अनुमति के लिये आवेदन देकर ही खनन की प्रक्रिया की जा रही है। 

इनका कहना-

अवैध खनन की जानकारी मिलने पर कार्यवाही की गई है। वाहनों को जप्त कर पुलिस अभिरक्षा में खड़ा किया गया है।

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