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काहू की फसल दे सकती है अच्छा मुनाफा

लखनऊ, 30 मई = कभी पानी की कमी तो कभी उसकी अधिकता से फसलों को मरते देखने वाले इस किसान की हिम्मत कई बार टूटी, दलाल और मौसम की मार ने कई बार लाखों का नुकसान पहुंचाया लेकिन उसने हार नहीं मानी। काहू की फसल का अच्छा बाजार मूल्य होने के कारण जिले के किसान काहू की खेती को प्रथमिकता देने लगे हैं। बाराबंकी के कई ब्लॉकों में काहू की खेती बृहद स्तर पर होने लगी है।

बराबंकी के उत्तर विकास खण्ड फतेहपुर कस्बा बेलहरा के किसान दीपचन्द मौर्या ने बताया कि वे आलू और काहू की सहफसली खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि काहू की नर्सरी अक्टूबर माह में करते हैं और एक माह बाद आलू की नालियों में काहू की रोपाई कर देते हैं। आलू की सिंचाई के साथ काहू की भी सिंचाई होती रहती है। आलू की खुदाई के बाद अप्रैल माह में इसकी कटाई की जाती है और धूप मे डाल कर सुखाकर पिटाई की जाती है। सफाई करके कई वर्षों तक इसका भण्डारण किया जा सकता है। एक एकड़ मे अच्छी फसल होने पर ढाई से तीन क्विन्टल तक उत्पादन होने की उम्मीद रहती है। पिछले वर्ष 60 हजार से 70 हजार प्रति क्विन्टल की दर से काहू बिका था।

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वहीं सूरतगंज विकास खण्ड के मोहम्मद नसीम ने कहा कि अक्टूबर के महीने में काहू की खेती धनिया व मगरैल के साथ करते हैं जिसकी कटाई फरवरी माह के अन्त में हो जाती है।

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