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किसानो को योगी का तोहफा : पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों के 1 लाख तक के कर्ज माफ .

लखनऊ, 04 अप्रैल = उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के 17वें दिन योगी सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय किसानों की कर्ज माफी का रहा। इसके तहत भाजपा सरकार ने अपने वादे के अनुसार पहली कैबिनेट में ही किसानों के एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर दिये।

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कैबिनेट में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए सरकार के दोनों प्रवक्ता मंत्री श्रीकान्त सिंह और सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश में कुल 02 करोड़ 30 लाख किसान हैं। इनमें 92.5 प्रतिशत लघु और सीमान्त किसान हैं, जिनकी संख्या लगभग 02 करोड़ 15 लाख हैं। इन किसानों का वित्तीय वर्ष 2016-17 का कुल 36359 करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। इसमें खाद, बीज और कीटनाशकों के लिए लिए गये 30729 करोड़ रुपये के ऋण व 5630 करोड़ रुपये के एनपीए हैं।

दोनों प्रवक्ता मंत्रियों ने बताया कि यह कर्ज किसानों ने किसी भी बैंक से लिया हो, माफ किया जायेगा। यह गेहूं, धान, खाद, बीज खरीद पर लिए कर्ज पर लागू होगा। बताया कि फसली ऋण के अलावा सात लाख किसानों का लोन नाॅन परफार्मिंग एसेस्ट्स (एनपीए) के दायरे में है, उसे पूरी तरह माफ कर दिया गया है। इस तरह कुल 36359 करोड़ रूपए माफ किये जायेंगे।

कैबिनेट में जारी होगा किसान राहत बाण्ड

इसके साथ ही कैबिनेट में किसान राहत बाण्ड जारी करने की भी बात कही गयी है। इसके तहत प्रदेश के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिलेगा। यह संवैधानिक विषय से जुड़ा मामला होने के कारण सरकार इसे विधानसभा सत्र के दौरान सदन में लायेगी और प्रक्रिया पूरी करेगी।

गेहूं खरीद को लेकर भी अहम निर्णय

कैबिनेट में गेहूं खरीद को लेकर भी अहम निर्णय लिया गया है। इसके तहत कुल 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहले चरण में कुल 40 लाख मीट्रिक टन खरीद होगी। कैबिनेट मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि किसानों को प्रति कुन्तल 10 रूपए ढुलाई और सफाई के भी दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि अगर किसी जगह गेहूं की आवक ज्यादा है और क्रय केन्द्र बढ़ाने की जरूरत है, तो उसे तत्काल बढ़ाया जाये। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही क्रय केन्द्रों में पानी, छाया की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों के खाते में सीधा पैसा पहुंचाने की व्यवस्था की गई है, जिससे बिचैलियों से मुक्ति मिल सके।

एण्टी रोमियो दस्ते के अभियान की भी मंत्रिमंडल की बैठक में की गई तारीफ .

योगी सरकार द्वारा शुरु कराये गये एण्टी रोमियो दस्ते के अभियान की भी मंत्रिमंडल की बैठक में तारीफ की गई और कहा गया कि इस अभियान ने पूरे प्रदेश में वाहवाही लूटी है। इसके जरिए महिलाओं और छात्राओं में सुरक्षा का भाव जगा है। यह दस्ता जब किसी अभियान पर जाता है, तो अधिकारियों को इजाज़त लेकर जाता है। अभियान की प्रमाणिकता को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी पार्क, काॅलेज या अन्य स्थानों पर अगर कोई युगल बैठा हो, तो उसे परेशान नहीं किया जाये। आईडी प्रूफ मांगने के नाम पर उनका उत्पीड़न नहीं हो।

आलू उत्पादकोें की स्थिति सुधारने की दिशा में भी महत्वपूर्ण फैसला.

इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने आलू उत्पादकोें की स्थिति सुधारने की दिशा में भी महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में तीन लोगों की कमेटी बनायेगी जायेगी। यह कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि भविष्य में आलू किसानों को किस प्रकार राहत दी जाये और आलू की पैदावार का किसानों का खर्च पूरा हो सके। इस कमेटी के अन्य सदस्यों में मंत्री सूर्य प्रताप शाही और दारा सिंह होंगे।

कई महत्वपूर्ण नीतियों पर हुई चर्चा 

कैबिनेट ने प्रदेश में नई उद्योग नीति बनाने का भी फैसला लिया। यह निर्णय प्रदेश में बड़ी संख्या में पूंजी निवेश और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। इसके तहत 05 सदस्यों का एक मंत्रि समूह का गठन किया गया है, जो गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीतियों का अध्ययन करेगी। यह मंत्रि समूह उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बनाया गया है। इसमें राजेश अग्रवाल, सतीश महाना, गोपाल दास ‘नन्दी’ और श्रीकान्त शर्मा सदस्य होंगे।

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कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इसके साथ ही अवैध खनन का कारोबार रोकने के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया जायेगा। जिसमें सुरेश खन्ना, दारा सिंह सदस्य होंगे। यह समूह एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगा।

इसके अलावा गाजीपुर में एक स्पोर्ट काम्पलेक्स का निमार्ण कराने का फैसला भी कैबिनेट बैठक में लिया गया। सिद्धार्थनाथ सिंह बताया कि इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों खाने किसी भी हालत में अब प्रदेश में नहीं चलने दिये जायेंगे। हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश का पूरी तरह पालन करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हालांकि जिन लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, उनका नवीनीकरण किया जायेगा। इसके साथ ही कैबिनेट में केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करने लिए उन्हें मुख्यमंत्री की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव भेजने का भी फैसला किया गया।

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