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चारा घोटाला मामले में लालू ने दी सफाई

नई दिल्ली, 20 अप्रैल (हि.स.)। चारा घोटाला मामले में आरजेडी के अध्यक्ष लालू यादव की तरफ से आज सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश की गईं। लालू प्रसाद की तरफ से सीबीआई की तरफ से याचिका दायर करने में देरी करने पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि नब्बे दिन के अंदर याचिका दायर करनी होती है लेकिन ये 157 दिनों के बाद दायर किया गया है। सीबीआई ने देर से याचिका दायर करने की जो वजहें बताई हैं वो सही नहीं हैं। इसलिए देर से दायर करने पर उनकी याचिका खारिज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये सीबीआई की याचिका है और सीबीआई एक मैन्युएल से निर्देशित होती है।

लालू यादव ने कहा कि मुझे भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दोषी ठहराया जा सकता है लेकिन कई साजिशों को रचने के लिए नहीं। साजिश के आरोप कई बार नहीं लगाये जा सकते हैं। पैसों के हेरफेर की साजिश का मामला हो सकता है लेकिन कई साजिशों को रचने का नहीं।

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चारा घोटाला मामले में सीबीआई ने कल अपनी दलीलें पूरी कर ली। इस मामले में एक आरोपी सजल चक्रवर्ती ने कहा कि उनके खिलाफ चाईबासा में दर्ज तीन एफआईआर में से एक में वे बरी हो चुके हैं। उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। एक ही किस्म के आरोप पर दो अलग-अलग मामले नहीं बन सकते हैं।

सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद देवघर से जुड़े मामले में दोषी हैं तो उन्हें चाईबासा मामले में कैसे आरोप मुक्त किया जा सकता है।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अमिताभ राय की बेंच के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए रंजीत कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट ने दोनों मामलों को एक-दूसरे से अलग बताकर गलती की है। उन्होंने कहा कि दोनों ही मामलों में आरोप एक जैसे हैं ।

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