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जन्माष्टमी त्योहार विशेष : अष्टमी तिथि सोमवार की सायं 7.47 से

इलाहाबाद, 14 अगस्त : भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी त्योहार को भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हिंदू सम्प्रदाय के लोग पूरी आस्था के साथ मनाते हैं। इस वर्ष प्रायः सभी पंचांगों के मतानुसार भगवान श्रीकृष्ण का 5244 वॉ जन्मोत्सव गोकुलाष्टमी व्रत पूजा पाठ 14 अगस्त सोमवार को ही मनाया जा रहा है। अष्टमी तिथि सोमवार को सायं 7.47 से प्रारंभ होगी और मंगलवार को सायं 5.40 तक रहेगी।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 14 अगस्त रात्रि पूजन का समय 24.03 से 24.47 तक शुभ रहेगा। सभी पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अवतार लिया था। इसके बाद से इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा। अष्टमी तिथि की आधी रात में अत्याचारी मामा कंस के विनाश के लिए भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में अवतार लिया था, इसलिए इस दिन मथुरा में काफी हर्षाेल्लास से जन्माष्टमी मनाई जाती है। दूर-दूर से लोग इस दिन मथुरा आते हैं और इस दिन मथुरा नगरी पूरे धार्मिक रंग में रंगी होती है। इस दिन पूरे विश्व के सभी मन्दिरों को झांकियों से सजाया जाता है।

जन्माष्टमीः कान्हा के रंग में रंगी रामनगरी

पं.देवकी नन्दन मिश्र का कहना है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने का विधान है। इस दिन व्रत रखने का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, व्रत रखने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। जो व्यक्ति विधि विधान के अनुसार और पूरी आस्था के साथ इस दिन व्रत रखते हैं उनके पास हमेशा लक्ष्मी स्थिर रहती हैं और उनके जीवन में सभी कार्य सिद्ध होते हैं। अष्टमी तिथि प्रारंभ 14 अगस्त सोमवार को सायं 7.47 से प्रारंभ होगी और मंगलवार को सायं 5.40 तक रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।

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