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त्रिपुरा में खत्म हुआ लाल झण्डे का लाल आतंक : प्रदेश मंत्री

कानपुर, 03 मार्च :  त्रिपुरा में 1993 से सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार को वहां की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है, जिससे अब वहां पर लाल झण्डे का लाल आतंक खत्म हो गया। इसके साथ ही त्रिपुरा विकास की ओर अग्रसर हो गया और नागालैंड की जनता ने भी विकास पर विश्वास जता दिया। यह बात भाजपा के प्रदेश मंत्री देवेश कोरी ने खास बातचीत में कही। 

प्रदेश मंत्री ने कहा कि केन्द्र की पूर्ववर्ती सरकारें पूर्वोत्तर के विकास के लिए सिर्फ बयानबाजी तक ही सीमित थी। केन्द्र का मंत्री वहां कभी रात नहीं गुजारता था, जिसके चलते वहां की जनता अपने आपको को भारत से अलग समझती थी। लेकिन देश की राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा की केन्द्र में सरकार बनते ही वहां के लोगों में विश्वास बढ़ता गया। केन्द्र सरकार ने सबका साथ और सबका विकास नीति को वहां तक पहुंचाया। इसके चलते पहले असम की जनता ने भरोसा जताया और भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनवाई।

इसके बाद अब त्रिपुरा और नागालैण्ड की जनता ने पूरी तरह राष्ट्रवादी विचारधारा पर अपनी मुहर लगा दी। इसके साथ ही मेघालय की जनता भी इस ओर अग्रसर हो गई। कहा कि त्रिपुरा में 1993 से लगातार वामपंथियों की सरकार थी और उनके आतंक से जनता ऊब चुकी थी इसीलिए अबकी बार एकतरफा भाजपा को मत दे पहली बार कमल को खिलाया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति जनता का विश्वास है, लोगों से प्रधानमंत्री का सीधा संवाद है और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है। देश की जनता सुशासन चाहती है इसीलिए पार्टी अब 21 राज्यों तक पंहुच चुकी है। कहा जब 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी थी तब छह प्रदेशों में ही भाजपा की सरकारें थी।

योगी आदित्यनाथ की रही अहम भूमिका

प्रदेश मंत्री ने कहा त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका भी अहम रही है। मुख्यमंत्री ने वहां पर सात विधानसभा सीटों पर प्रचार किया, जिनमें पांच सीटों पर जीत हुई। वहां पर नाथ संप्रदाय की बहुत बड़ी आबादी है और वह मुख्यमंत्री के प्रचार के चलते भाजपा के साथ हो लिये।(हि.स.)।
आगे पढ़े :25 वर्ष बाद त्रिपुरा में खिला कमल, वाम का मजबूत गढ़ ढहा

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