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दलाईलामा के अरुणाचल यात्रा से नाराज हुआ चीन

नई दिल्ली, 05 अप्रैल = चीन ने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर बीजिंग में भारत के राजदूत विजय गोखले के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

चीन ने बुधवार को कहा कि भारत ने दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश के ‘विवादित’ भागों का दौरा करने की इजाजत देकर द्विपक्षीय संबंधों को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंचाया है। उसने चेतावनी दी कि वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए ‘जरूरी कदम’ उठायेगा।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत ने चीन की चिंताओं की उपेक्षा करते हुए चीन-भारत सीमा के पूर्वी भाग के विवादित हिस्से में दलाई लामा की यात्रा की व्यवस्था कराई है जिससे चीन के हितों और चीन-भारत संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।’’चीन दृढ़ता से इसका विरोध करता है।

चीन दक्षिणी तिब्बत हिस्से के तौर पर अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर दावा करता रहता है। उसने पहले चेतावनी दी थी कि यदि भारत ने दलाई लामा को यात्रा की अनुमति दी तो इससे संबंधों को ‘गंभीर नुकसान’ होगा।

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चीन दलाईलामा को चीन विरोधी अलगाववादी के तौर पर देखता है। चीनी अधिकारियों ने मीडिया के साथ ऑफ द रिकॉर्ड वार्तालापों में कहा कि चीन वास्तव में दलाई लामा की यात्रा को लेकर बेहद नाराज है क्योंकि यात्रा में उनके साथ एक मंत्री भी शामिल हैं।

चीन का कहा कि पूर्वी भाग से जुड़ी सीमाओं पर उसका का रुख स्पष्ट है। वहीं भारत 14 वें दलाई लामा की भूमिका से पूरी तरह से अवगत है। ऐसे में संवेदनशील और विवादित क्षेत्रों की उनकी यात्रा की व्यवस्था करना न केवल तिब्बत से संबंधित मुद्दों के प्रति भारतीय पक्ष की प्रतिबद्धता के विरुद्ध है बल्कि सीमा क्षेत्र पर विवादों को भी बढ़ाता है।

हुआ ने कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों की सामान्य विकास की गति को अवरुद्ध करता है और इससे भारत को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि चीन दृढ़ता से अपने क्षेत्रीय संप्रभुता और वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठायेगा।
दूसरी ओर भारत ने चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि दलाई लामा के तवांग (अरुणाचल प्रदेश) जाने का मकसद केवल धार्मिक है, इसको लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

गृह राज्‍यमंत्री किरण रिजिजू ने साफतौर पर कहा कि तवांग भारत का हिस्‍सा था, है और हमेशा रहेगा। लिहाजा भारत के मामलों में चीन को बोलने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। रिजिजू का कहना था भारत कभी भी चीन की वन चाइना पॉलिसी को लेकर बात नहीं करता है इसलिए चीन को भी भारत के मामलों में टांग नहीं अड़ानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 81 वर्षीये बौध धर्म गुरू दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश की नौ दिवसीय यात्रा पर कल पश्चिम कमांग के बोमडिला पहुंचे थे।

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