Home Sliderखबरेदेशनई दिल्ली

पत्नी के सामने किसी और से संबंध बनाना गंभीर क्रूरता: हाई कोर्ट

– हाईकोर्ट नें पत्नी के पक्ष में तलाक की ‎डिक्री पा‎रित की

नई दिल्ली (ईएमएस)। पत्नी को जबरन शराब पिलाने और उसके सामने किसी और महिला के साथ संबंध बनाने को बेहिसाब क्रूरता मानते हुए हाई कोर्ट ने पत्नी के फेवर में तलाक की डिक्री पारित की। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में महिला ने जो बयान दिया है उस पर उंगली नहीं उठाई गई है। बयान विश्वसनीय है और इस बात से निष्कर्ष निकलता है कि पति के कंडक्ट के बारे में जो महिला ने कहा है वह सच है। इससे साबित होता है कि महिला के साथ गंभीर क्रूरता हुई है और उसे ट्रॉमा से गुजरना पड़ा है। ऐसे में निचली अदालत के फैसले में दखल की जरूरत नहीं है। निचली अदालत को चुनौती देने वाली महिला के पति (पूर्व) की अर्जी खारिज की जाती है।

मौजूदा मामले में महिला की ओर से साकेत कोर्ट में अर्जी दाखिल कर तलाक की मांग की गई थी। महिला का आरोप था कि उसके साथ गंभीर क्रूरता की गई है। साकेत स्थित फैमिली अदालत ने 10 नवंबर 2017 को महिला के फेवर में तलाक की डिक्री पारित की। इस फैसले को उसके पति ने हाई कोर्ट में चुनौती दी और कहा कि मैजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें दहेज प्रताड़ना समेत दूसरे आपराधिक केस में 26 मार्च 2016 को ही आरोपमुक्त कर दिया था। उसकी पत्नी प्रताड़ना साबित नहीं कर पाई थी।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निचली अदालत में महिला ने जो बयान दिया उसमें पति पर आरोप लगाया गया कि उसने शराब के नशे में उसका यौन शोषण किया। अपने भाई और रिश्तेदार को इस बात के लिए उकसाया कि उसकी पत्नी को सेक्स्युअली प्रताड़ित करें। इसके अलावा महिला ने साफतौर पर यह बयान भी दिया कि उसके पति ने उसे जबरन शराब पिलाई और उसके सामने ही एक दूसरी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस बयान पर महिला कायम रही। निचली अदालत ने माना कि यह गंभीर क्रूरता है। पति ने अपनी पत्नी का सम्मान करने और उसकी रक्षा करने की बजाय उसे यौन शोषण के लिए धकेल दिया। इस आधार पर पत्नी के फेवर में तलाक की डिक्री पारित की गई।

Related Articles

Back to top button
Close