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बिमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई टली

नई दिल्ली, 30 नवम्बर (हि.स.)। दार्जिलिंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई टल गई है। आज ये मामला जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष लिस्टेड था। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 4 दिसंबर को सुनवाई करेगा। 

पिछले 24 नवंबर को सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उसके हाथ बंध गए हैं। राज्य सरकार ने कहा कि दार्जिलिंग में विरोध प्रदर्शनों के दौरान गुरुंग के खिलाफ 77 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के आरोपों का जवाब देने का निर्देश दिया था। 

सुनवाई के दौरान गुरुंग ने पश्चिम बंगाल सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जब वे त्रिपक्षीय वार्ता में शामिल थे तो उन्हें कैबिनेट स्तर का दर्जा दिया गया था और अब भगोड़ा की तरह बर्ताव किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पश्चिम बंगाल सरकार की राजनीतिक बदले की कार्रवाई का नतीजा है। 

पिछले 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बिमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी। बिमल गुरुंग की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस भेजा था। गुरूंग ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। गुरुंग के खिलाफ हत्या, दंगा, आगजनी समेत विभिन्न मामलों में गैरकानूनी गतिविधि निरोधी अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

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