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मच्छरों की 252 प्रजातियां कई ​बीमारियों को देती हैं जन्म

लखनऊ, 10 नवम्बर (हि.स.)। अलीगंज स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र एवं विज्ञान संग्रहालय दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर स्लोगन प्रतियोगिता व ‘मच्छरों से होने वाली बीमारियां एवं निदान’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

मुख्य अतिथि डा. रमेश चन्द्रा ने बताया कि हिन्दुस्तान में मच्छरों की लगभग 252 प्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमें एनोफिलिस की 54, एडिस की 111, क्यूलेक्स की 57 एवं मेनसोनिया की 4 प्रजातियां शामिल हैं। भारत में पाई जाने वाली क्यूलेक्स प्रजाति सबसे अधिक है। मच्छरों की काटने से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकिनगुनिया, ज़ीका, येलो फीवर, जापानीज इनसेफेलाइटिस जैसी कई बीमारियां होती है। पीपीटी प्रजेन्टेशन से छात्रों को इस भयानक समस्या व निदान से अवगत कराया। 

उन्होंने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों के रोकथाम के लिए सबसे उचित तरीका है कि मच्छर पनपने ही न दिया जाय। एक हफ्ते से अधिक घर में कहीं पर भी पानी का जमाव न होने दें, क्योंकि इसके बाद उस पानी में मच्छर व अन्य कीट अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं। साथ ही उन्होंने मच्छरों से बचने के लिए दिन में शरीर ढकने वाले कपड़े पहनने व रात में मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कार वितरित किये गये। 

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